भविष्य में कांग्रेस का नेतृत्व परिवार से बाहर का सदस्य कर सकता है: सोनिया गांधी

मुंबई।  यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कहा कि भविष्य में नेहरू-गांधी परिवार से बाहर का सदस्य पार्टी का अध्यक्ष बन सकता है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में उन्होंने मनमोहन सिह का प्रधानमंत्री के रूप में चयन इसलिए किया था क्योंकि वह इस पद के लिए उनसे बेहतर उम्मीदवार थे. एक हिंदी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में यह पूछे जाने पर कि क्या उनके परिवार के बाहर का कोई सदस्य कांग्रेस अध्यक्ष बन सकता है, सोनिया ने कहा, “क्यों नहीं, भविष्य में ऐसा हो सकता है.”

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस अपने नेता के तौर पर एक गांधी के बिना आगे बढ़ सकती है, उन्होंने कहा कि यह प्रश्न कांग्रेस कार्यकर्ताओं के समक्ष रखा जाना चाहिए. सोनिया ने कहा कि कांग्रेस में एक परंपरा है और नेताओं का चयन लोकतांत्रिक तरीके से होता है. उन्होंने अमेरिका में बुश परिवार और क्लिंटन परिवार और भारत के कई राज्यों में वंशवाद का उदाहरण दिया.

यह पूछे जाने पर कि क्या वह पार्टी को जोड़े रखने वाली ग्लू हैं, सोनिया मुस्कुराईं और कहा, “यह काफी मुश्किल प्रश्न है. कई कांग्रेस नेता हैं, आप उनसे पूछ सकते हैं.” यह पूछे जाने पर वह प्रधानमंत्री क्यों नहीं बनीं, उन्होने कहा, “क्योंकि मुझे लगा कि डा. मनमोहन सिह मुझसे बेहतर प्रधानमंत्री होंगे.”

सोनिया गांधी ने इस बात को खारिज कर दिया कि मनमोहन सिंह भले प्रधानमंत्री रहे हों लेकिन सत्ता उन्हीं के (सोनिया के) हाथ में थी. उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि ऐसी कोई भी स्थिति थी. उन्होंने कहा कि राजनीति में आने का फैसला उन्होंने तब लिया जब उन्होंने देखा कि कांग्रेस मुश्किल दौर से गुजर रही है. सोनिया ने कहा, “कुछ लोग कांग्रेस छोड़ रहे थे. मुझे सच में यह महसूस हुआ कि मैं एक तरह से कायर होऊंगी अगर मैं पार्टी के लिए कुछ करने की कोशिश न करूं.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कसा तंज
सोनिया गांधी ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि लोकतंत्र में चर्चा और मतभेद दोनों स्वीकार्य हैं पर एकालाप नहीं. उन्होंने इस बात पर भी खेद जताया कि राष्ट्र निर्माताओं को बदनाम किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस और उसके प्रधानमंत्रियों द्वारा आजादी के बाद हासिल की गई उपलब्धियों की सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा लगातार आलोचना किए जाने का संदर्भ देते हुए कहा कि पूर्व की उपलब्धियों को द्वेष के कारण कमतर बताया जा रहा है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को भी संगठन के स्तर पर लोगों से जुड़ने का एक नया तरीका विकसित करने की जरूरत है.

राहुल को सलाह देने के संबंध में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, “मैं खुद ऐसा नहीं करने की कोशिश करती हूं. राहुल पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए वरिष्ठ और युवा नेताओं के बीच संतुलन बनाना चाहते हैं, और यह कोई आसान काम नहीं है.”

पूर्वोत्तर राज्यों में मतों की गिनती के दौरान राहुल के देश में मौजूद नहीं रहने की आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार करने के बाद वह तीन दिन के लिए इटली में अपनी नानी को देखने गए थे. अपनी बेटी प्रियंका गांधी के राजनीति में आने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “प्रिंयका फिलहाल अपने बच्चों की देख- रेख में व्यस्त हैं. यह उनका फैसला है और भविष्य के बारे में कोई नहीं जानता.”

 

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