भारत ने राजनीतिक आजादी हासिल कर ली, सांस्कृतिक आजादी नहीं: गुलजार

बेंगलुरू। प्रख्यात कवि और गीतकार गुलजार ने आज कहा कि गैर हिंदी भाषाओं को आंचलिक भाषाएं कहना गलत है और तमिल, गुजराती, मराठी, बंगाली तथा अन्य भी राष्ट्रीय भाषाएं हैं. गुलजार ने कहा, ”गैर हिंदी भाषाओं को आंचलिक कहना गलत है. ये देश की प्रमुख भाषाएं हैं. तमिल प्राचीन और प्रमुख भाषा है. गुजराती, मराठी, बंगाली और अन्य भाषाएं भी ऐसी हैं.” वह यहां एक बुकस्टोर द्वारा आयोजित बेंगलुरू कवि सम्मेलन 2017 से इतर बोल रहे थे. पद्म भूषण से सम्मानित गीतकार ने अंग्रेजी साहित्य के साथ भारतीय कॉलेजों के पाठ्यक्रमों में कालिदास की साहित्यिक कृतियों को भी शामिल करने पर जोर दिया.

गुलजार ने कहा, ”अगर कॉलेजों में ‘पैराडाइस लोस्ट’ जैसी कृतियों को पढ़ाया जा सकता है तो कालिदास, युधिष्ठिर और द्रौपदी को क्यों नहीं पढ़ाया जा सकता? ये कृतियां हमारी संस्कृति के ज्यादा नजदीक है, जिसे देशभर में हर कोई समझ सकता है.” बहरहाल उन्होंने कहा कि वह शेक्सपीयर की कृतियों को पढ़ाये जाने के खिलाफ नहीं हैं. उन्होंने कहा, ”हर किसी को शेक्सपीयर को जरुर पढ़ना चाहिए. मैंने पढ़ा और इसका आनंद उठाया. हमें इसे पढ़ना चाहिए.” उन्होंने कहा कि सआदत हसन मंटो जैसे आधुनिक लेखकों को भी कॉलेजों में पढ़ाया जाना चाहिए.

सांस्‍कृतिक आजादी जरूरी
गुलजार ने कहा कि भारत ने राजनीतिक आजादी हासिल कर ली लेकिन सांस्कृतिक आजादी नहीं. उन्होंने कहा, ”इसमें कोई शक नहीं है कि हमें राजनीतिक आजादी मिली लेकिन सांस्कृतिक आजादी नहीं. हम औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त नहीं हुए.” गुलजार ने कहा, ”जब नील आर्मस्ट्रांग की मौत हुई तो मुझे दुख हुआ कि भारत में किसी ने भी उनके बारे में नहीं लिखा. मेरे लिए वह मानवता का प्रतीक थे. मैंने एक कविता लिखी. यह दुखद है कि हम टुकड़ों में जिंदगी जीते हैं क्योंकि हमें यह आसान लगता है.”

उन्होंने कहा, ”मैंने डॉ. कलबुर्गी पर भी लिखा जिनकी धारवाड़ में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी हालांकि वह भौगोलिक रूप से अलग स्थान से ताल्लुक रखते थे और उन्होंने अलग भाषाओं में लिखा. मैंने इस घटना पर प्रतिक्रिया दी और कविता के जरिए अपनी भावनाएं जाहिर की. कविता कवि की भावनाओं के सिवाए कुछ भी नहीं है.”

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button