भारत बंद कल: विरोध से झुकी सरकार, SC/ST एक्ट पर कल दाखिल करेगी पुनर्विचार याचिका

नई दिल्ली। SC/ST एक्ट पर विपक्ष और सांसदों के विरोध पर सरकार को आखिरकार झुकना पड़ा. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लेकर अब सरकार कल पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी. एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले को लेकर केंद्र सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा है. इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को लगातार निशाना बनाया, वहीं एनडीए के दलित और आदिवासी सांसदों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर इस मामले में कदम उठाने की गुजारिश की थी.

इस बीच, दलित और आदिवासी संगठनों ने 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद का आह्वान कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर दलित समाज में बढ़ती नाराजगी को देखते हुए आखिरकार केंद्र सरकार को शीर्ष कोर्ट में उसके फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की घोषणा करनी पड़ी. केंद्रीय विधि मंत्रालय ने अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने को मंजूरी दे दी है.

भारत बंद को लेकर दलित और आदिवासी संगठनों के मुखर होते देख रविवार देर शाम को केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद को आपाधापी में ट्वीट कर यह ऐलान करना पड़ा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सोमवार को पुनर्विचार याचिका दायर करेगी.

Ravi Shankar Prasad

@rsprasad

Review petition by the Government against the SC judgement on SC/ST Protection Act shall be filed positively on tomorrow, Monday, April 2

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय की ओर से दायर किए जाने वाली याचिका में दलील दी जा सकती है कि शीर्ष अदालत के फैसले से एससी और एसटी एक्ट 1989 के प्रावधान कमजोर हो जाएंगे. याचिका में सरकार यह भी दलील दे सकती है कि अदालत के इस आदेश से समाज के ताकतवर लोगों में कानून का भय खत्म हो जाएगा.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में एससी/एसटी एक्ट के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए इसके तहत मामलों में तुरंत गिरफ्तारी की जगह शुरुआती जांच की बात कही है. इस आदेश में जस्टिस एके गोयल और यूयू ललित की पीठ ने कहा था कि सात दिनों के भीतर शुरुआती जांच जरूर पूरी हो जानी चाहिए.

वहीं दलित और आदिवासी संगठनों का कहना है कि यह कानून दलितों के खिलाफ इस्तेमाल होने वाले जातिसूचक शब्दों और हजारों सालों से चले आ रहे अत्याचार को रोकने में मददगार रहा है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब दलितों को निशाना बनाना और आसान हो जाएगा.

इधर, भारत बंद का कुछ सियासी दलों ने समर्थन किया है. राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट कर बंद का समर्थन किया है. दलित समुदाय के कई कर्मचारी संगठनों ने सोमवार को बंद में शामिल होने की घोषणा की है. महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में बंद में शामिल होने की दलित संगठनों ने अपील की है. शायद यही वजह रही कि केंद्र सरकार को पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला करना पड़ा है.

 

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