भारत में IS के पहले हमले के पीछे है ‘खुरासान’, जानिए क्या है यह ग्रुप

लखनऊ। सीरिया से संचालित अलकायदा के खुरासान ग्रुप का नाम लेकर कानपुर-लखनऊ के कुछ लोकल लड़कों ने यहां भी ऐसा ग्रुप बनाया। ये सब आतंकी ग्रुप इस्लामिक स्टेट से भी प्रभावित हैं। एडीजी (एलओ) दलजीत सिंह चौधरी ने मंगलवार को ऐसा दावा किया है। उनका कहना है कि इन लोकल लड़कों ने सोशल मीडिया से ही अपना ग्रुप खड़ा किया। पुलिस का यह भी दावा था कि सोशल मीडिया के जरिए ही ये लोग एक-दूसरे के संपर्क में रहकर आतंकी घटनाओं की तैयारी कर रहे थे।

आईएस की कार्यप्रणाली को कर रहे थे फॉलो
ग्रुप से जुड़े सभी मिसगाइडेड युवक आईएस की कार्यप्रणाली को फॉलो कर रहे थे। यूपी एटीएस के मुताबिक, कानपुर, लखनऊ और इटावा के संदिग्धों के ठिकानों से बरामद लैपटॉप, मोबाइल फोन और बड़ी संख्या में आईएस का साहित्य दबिक मिला है। इसके अलावा इनके पास से बम बनाने की कई विधियों से जुड़े मटिरियल भी मिले हैं। लैपटॉप व मोबाइल फोन की पड़ताल की जा रही है। यह भी जानकारी जुटाई जा रही है कि ये कितने लोगों के संपर्क में हैं और किस-किस से चैट करते हैं।

एमपी व तेलंगाना पुलिस कर रही थी निगरानी
सूत्रों के मुताबिक, एमपी एटीएस व तेलंगाना पुलिस कई दिनों से इस ग्रुप की हरकतों पर नजर रखे हुए थी। इन सभी के सोशल मीडिया अकाउंट एजेंसियों के निशाने पर थे। सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि इनके ट्रेन ब्लास्ट करने की भनक नहीं लगी। ब्लास्ट होने के बाद ही एमपी एटीएस व आईबी ने इनकी धरपकड़ शुरू की। पहले तीन संदिग्धों को एमपी पुलिस ने पिपरिया से गिरफ्तार कर लिया। इनकी निशानदेही पर ही लखनऊ, इटावा व कानपुर में छापेमारी की गई।

आईएस मॉड्यूल्स का ट्रांजिट पॉइंट बना लखनऊ
बीते तीन साल में लखनऊ तेजी से आतंकियों का ट्रांजिट पॉइंट बन रहा है। खासतौर से आईएस मॉड्यूल्स का। पिछले वर्ष लखनऊ में इंदिरानगर से यूपी एटीएस व एनआईए ने संयुक्त अभियान में मोहम्मद अलीम को गिरफ्तार किया। एनआईए का दावा था कि अलीम आईएस से जुड़ा हुआ था। अलीम की निशानदेही पर कुशीनगर से मोहम्मद रिजवान को पकड़ा गया। इन दोनों ने ही लखनऊ में मुंशी पुलिया स्थित एक स्थान पर आईएस के लिए तमाम मीटिंग आयोजित की थी।

‘दबिक’ से भटक रहे हैं युवा
इंटरनेट में वायरल होते जा रहे आईएस के साहित्य दबिक ने सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों की मुश्किलें ज्यादा बढ़ा दी हैं। सोशल मीडिया के जरिए इस साहित्य से भटके हुए युवाओं को आईएस व अन्य आतंकी संगठन खुद से जोड़ने का काम कर रहे हैं। इंटरनेट पर बार-बार इसे सर्च करने वाले भटके युवा आतंकी संगठनों के निशाने पर आ जाते हैं।

आखिर क्या है खुरासान, क्या है मंसूबा
इस्‍लामिक स्‍टेट ने 2020 तक भारत समेत दुनिया के कई देशों पर कब्जे का प्लान तैयार किया है। इसके तहत आईएस यूरोप, चीन, भारत और नॉर्थ अफ्रीका तक अपना राज फैलाना चाहता है। अपने मंसूबे को अंजाम तक पहुंचाने के लिए आईएस ने एक नक्शा बनाया है। नक्शे में स्पेन, पुर्तगाल और फ्रांस के हिस्से को अरबी में ‘अंदालुस’ नाम दिया गया है। जिस पर ‘मूरों’ ने आठवीं से 15वीं सदी के बीच कब्जा किया था, जबकि भारत समेत एशिया के बड़े हिस्से को ‘खुरासान’ नाम दिया गया है। इसी संगठन से जुड़ने के लिए भारतीय मुसलमानों के बीच काम भी हो रहा है।

बता दें कि ईरान के पूर्व आमू नदी के दक्षिण और हिंदूकुश के उत्तर स्थित विस्तृत भू-भाग का नाम खुरासान था। किंतु अब इस नाम का प्रयोग अत्यंत सीमित अर्थ में होता है। यह ईरान के उस उत्तर-पूर्वी प्रांत का नाम है जो उत्तर में रूसी कैस्पियन प्रदेश में लगा है।

 

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