मऊ – मुख्तार अंसारी गिरोह आईएस 191 के अत्यंत नज़दीकी की लाखों की संपत्ति पुलिस ने की जब्त

मऊ – मुख्तार अंसारी गिरोह आईएस 191 के अत्यंत नजदीकी, कोयला माफिया व अपराधिक गैंग आईआर- 09 के सदस्य व हिस्ट्रीशीटर राजेश उर्फ राजन सिंह की 35 लाख 23 हजार 600 रूपये की सम्पत्ति अन्तर्गत धारा 14(1) गैंगस्टर एक्ट के तहत मऊ पुलिस द्वारा जब्त।

आज दिनांक 17.09.2020 को मुख्तार अंसारी गिरोह आईएस 191 के अत्यंत नजदीकी व मुख्तार अंसारी के साथ मन्ना सिंह हत्याकांड 2009 में गवाह राम सिंह मौर्या एवं सुरक्षा में लगे आरक्षी सतीश हत्या में सह अभियुक्त रहे त्रिदेव कंस्ट्रक्शन/त्रिदेव कोल डिपो/त्रिदेव ग्रुप के पूर्व मालिक कोयला माफिया राजेश सिंह उर्फ राजन सिंह पुत्र रामवृक्ष सिंह निवासी अहिलाद जनपद मऊ की लगभग 35 लाख 23 हजार 600 की अपराध व अवैध रूप से अर्जित धन से बनाई गई संपत्ति अन्तर्गत धारा 14(1) गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की गई है।

राजेश सिंह उर्फ राजन सिंह पुत्र रामवृक्ष सिंह के द्वारा अपराध से अवैध रूप से अर्जित किए गए ग्राम खरगजेपुर तहसील सदर में स्थित आ0सं0 917क में 5.5 एयर व आ0सं0 917घ में 38 एयर व आ0सं0 917ड. 11 एयर व 917ज में 22 एयर कुल 04 गाटा 76.5 एयर यानी 189 कड़ी यानि 766 वर्ग मीटर भूखंड को धारा 14(1) गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत जब्त कराई गई।

इस प्रकार कुल लगभग 35 लाख 23 हजार 600 कीमत की प्रॉपर्टी जब्त कराई गई है:-

राजेश सिंह उर्फ राजन सिंह त्रिदेव कंस्ट्रक्शन कंपनी/त्रिदेव कोल डिपो/त्रिदेव ग्रुप का संचालन अपने भाई उमेश सिंह के साथ मिलकर करता रहा है। इसके द्वारा मुख्तार अंसारी व गिरोह की आर्थिक रूप से मदद पिछले दो दशकों से की जाती रही है।

वर्ष 2009 में हुये मन्ना सिंह हत्याकांड में गवाह राम सिंह मौर्य व उनकी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी आरक्षी सतीश की सन 2010 में ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी गई जिस के संबंध में थाना दक्षिण टोला में एफआईआर नम्बर 399/2010 पंजीकृत किया गया। इस अभियोग में राजन सिंह, मुख्तार अंसारी के साथ सह अभियुक्त था इस हत्याकांड के संबंध में थाना दक्षिणटोला में मु0अ0सं0 891/2010 धारा 3(1) गैंगस्टर एक्ट का अभियोग विरुद्ध मुख्तार अंसारी, राजन सिंह व अन्य अभियुक्तों के विरुद्ध 2010 में दर्ज किया गया। इसके अलावा भी उमेश सिंह व राजन सिंह के विरुद्ध कुल 08 अभियोग पंजीकृत है।

पिछले दो दशकों के दौरान राजन सिंह व उमेश सिंह के द्वारा मुख्तार अंसारी व गिरोह के मुख्य शरणदाता व आर्थिक मददगार के रूप में अतिसक्रिय व अग्रणी भूमिका रही है। माफिया से सम्बन्धों का फायदा उठाकर इंदारा कोपागंज में कोल डिपो स्थापित कर मोनोपोली बनाते हुए कोयला माफिया के रूप में इन दोनों के द्वारा अर्जित धन से मुख्तार अंसारी गिरोह की फंडिंग लंबे समय से की जाने की भी बात प्रकाश में आई है।

इनके द्वारा माफिया व माफिया गिरोह से संबंध का इस्तेमाल करते हुए कोयले के व्यापार में अपनी मोनोपोली स्थापित करते हुए जनपद के अन्य व्यापारियों में भय व आतंक का माहौल पैदा किया गया जिससे अन्य कोई व्यक्ति कोयला व्यापार में नहीं आया। इस प्रकार गैंग के रूप में कार्य करते हुए जघन्य अपराधों के माध्यम से अवैध धन का इस्तेमाल अपराधियों को संरक्षण देने के साथ साथ अपने बिजनेस में लगा कर त्रिदेव के नाम से अलग-अलग कंपनियां खोलकर किया गया।
यह भी उल्लेखनीय है कि उक्त राजेश उर्फ राजन सिंह के भाई उमेश सिंह की अपराध व अवैध रुप से अर्जित लगभग 6.5 करोड़ रूपये की संपत्ति पूर्व में जब्त की जा चुकी है।

अपराधिक इतिहास राजेश उर्फ राजन सिंह-

1. मु0अ0सं0 91ए/97 धारा 504,507 भादवि थाना सरायलखंसी मऊ।
2. मु0अ0सं0 91ए/98 धारा 110जी सीआरपीसी थाना सरायलखंसी मऊ।
3. मु0अ0सं0 91ए/98 धारा 302,307,120बी,34 भादवि व 7 सीएलए एक्ट थाना सरायलखंसी मऊ।
4. मु0अ0सं0 399/10 धारा 147,148,149,302,307,120बी व 34 भादवि थाना सरायलखंसी मऊ।
5. मु0अ0सं0 891/10 धारा 3(1) गैं0 एक्ट थाना दक्षिणटोला मऊ।
6. मु0अ0सं0 20/14 धारा 147,148,149,302,307,506,120बी भादवि व 7 सीएलए एक्ट थाना तरवां आजमगढ़।
7. मु0अ0सं0 50/17 धारा 110जी सीआरपीसी थाना सरायलखंसी मऊ।
8. मु0अ0सं 360/17 धारा 504,507 भादवि थाना सरायलखंसी मऊ।

 

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