महाभियोग प्रस्ताव पर क्या है कानून के विशेषज्ञों की राय?

नई दिल्ली। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया है. कांग्रेस समेत 7 विपक्षी पार्टियों ने उपराष्ट्रपति को चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव सौंपा था, जिसपर 71 सांसदों के हस्ताक्षर थे.

महाभियोग प्रस्ताव में चीफ जस्टिस के खिलाफ आरोपों को उपराष्ट्रपति ने गलत बताया है. उन्होंने कहा कि CJI पर जो आरोप लगाए गए, उसके तथ्य नहीं पेश किए गए. 10 पन्नों के आदेश में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने ये भी कहा कि महाभियोग प्रस्ताव के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करना गलत था.

महाभियोग प्रस्ताव को लेकर एक्सपर्ट्स ने क्या कहा?
कानून के जानकारों ने चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की निंदा की. पूर्व चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने इसे दुर्भाग्य पूर्ण बताया. यहां पढ़ें महाभियोग पर क्या है एक्सपर्ट्स की राय?

इससे जनता का विश्वास कम होगा: फली नरीमन
देश के जाने माने वकील फली एस नरीमन ने सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट के इतिहास का काला दिन बताया. उन्होंने कहा, ”इससे ना सिर्फ जनता का न्यायपालिका में विश्वास कम होगा बल्कि इससे सत्ताधारी पार्टी के लिए दरवाजे खुलेंगे कि किसी जज का कोई विशेष फैसला पसंद ना आने पर उसके खिलाफ प्रस्ताव पास कर दिया जाए.”

ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है: टीएस ठाकुर, पूर्व सीजेआई
देश के पूर्व मुख्य न्यायधीश टीएस ठाकुर ने प्रस्ताव को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, ”सिर्फ सत्ताधारी बीजेपी ने ही इसका विरोध नहीं किया. न्यायपालिका इस तरह के संकट का सामना कर रही है, ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.” उन्होंने विस्तार से बात करने से मना कर दिया.

महाभियोग प्रस्ताव आत्मघाती और खतरनाक: बी सुदर्शन रेड्डी, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी ने महाभियोग प्रस्ताव को आत्मघाती और खतरनाक बताया. कहा, ”जिन राजनीतिक दलों ने यह महाभियोग प्रस्ताव दिया है उनके लिए यह आत्मघाती है. प्रथम दृष्टया प्रधान न्यायाधीश पर किसी कदाचार का आरोप तय करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं है. अनियमितता से कदाचार तय नहीं होता है.

महाभियोग हर सवाल का जवाब नहीं हो सकता: जस्टिस चेलमेश्वर
जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि महाभियोग न्यायपालिका की समस्याओं के खिलाफ कोई रामबाण नहीं है. जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि मुझे नहीं पता देश पर महाभियोग का जुनून क्यों सवार है. महाभियोग हर सवाल का जवाब नहीं हो सकता. इस तरह की समस्याओं से निपटने के लिए कुछ दूसरा तरीका होना चाहिए. बता दें जस्टिस चेलमेश्वर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के बाद सबसे सीनियर जज हैं. उन्होंने चार अन्य जजों के साथ चीफ जस्टिस के खिलाफ नाराजगी जताते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी.

यह घटना न्यायपालिका में विश्वास और भरोसे को हिला देगी: सोली सोराबजी
देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी ने भी महाभियोग प्रस्ताव की निंदा की. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता के साथ यह सबसे खराब बात हो सकती है. यह घटना लोगों के मन में न्यायपालिका में विश्वास और भरोसे को हिला देगी.’ उन्होंने प्रस्ताव को राजनीति से प्रेरित बताया. उन्होंने कहा कि चीफ जस्टिस कानून से ऊपर नहीं है, उन्हें हटाया जा सकता है लेकिन किस आधार पर, क्या इस आधार पर कि उन्होंने कुछ फैसले सही नहीं दिए.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Back to top button