मायावती और अखिलेश के शासन में भर्तियों में गड़बड़ी का खुलासा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समय शिक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि 2011, 2013 और 2016 में स्नातक शिक्षकों और प्रवक्ता पदों पर ऐसे विषयों के शिक्षकों की भर्तियां की गईं जो विषय पाठ्यक्रम में थे ही नहीं. माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड की जांच में इसका खुलासा हुआ है.

कई कॉलेज ऐसे भी हैं, जहां जीव विज्ञान के शिक्षक के रूप में 150 से भी ज्यादा शिक्षकों की भर्ती कर दी गई और उन्होंने कॉलेज ज्वॉइन भी कर लिया, लेकिन हैरानी की बात ये है कि वहां जीव विज्ञान पढ़ाया ही नहीं जाता है. यही स्थिति वनस्पति विज्ञान के शिक्षकों की भर्ती में भी देखी गई. शुरुआती जांच के बाद टीजीटी और पीजीटी के आठ विषयों का विज्ञापन ही शासन ने निरस्त कर दिया है, जो कि साल 2016 में दिया गया था.

निरस्त किए गए विषयों में जीव विज्ञान, संगीत, टंकण, पुस्तक कला, काष्ठ शिल्प, और आशु टंकण शामिल हैं. यानी इन विषयों के शिक्षकों की भर्ता के लिए 2016 मे दिए गए विज्ञापन और आवेदन अब अमान्य होंगे.

 

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