मुलायम ने अखिलेश को नहीं सुहाने वाले शिवपाल के खास लोगों को क्यों दिया टिकट?

akhilesh-yadav-and-shivpalलखनऊ। मुलायम सिंह यादव ने आज उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के 325 उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया है. हालांकि उम्मीदवारों की जारी सूची में मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल यादव व अखिलेश यादव खेमे के साथ परिवार में भी संतुलन बनाये रखने की कोशिश की है, लेकिन टिकटों की सूची पर अखिलेश यादव की पहली प्रतिक्रिया से लगता है कि पार्टी व परिवार में इस मुद्दे पर एक बार फिर घमसान छिड़ सकता है. हालांकि जानकारों का कहना है कि मुलायम मंजे हुए नेता हैं और वे जानते हैं कि किस खास परिस्थिति में क्या करना चाहिए? उन्होंने शिवपाल के पसंद के लोगों को टिकट देकर भीतरघात की संभावना को न्यूनतम कर दिया है, ताकि समाजवादी पार्टी की जीत की अधिक से अधिक संभावना हो.

मुलायम सिंह यादव द्वारा जारी सूची के बाद अखिलेश यादव ने कहा है कि जिन लोगों के नाम कट गये हैं, उनके बारे में पार्टी नेतृत्व से फिर बात की जायेगी. मुलायम सिंह यादव ने परिवार में संतुलन बनाये रखने के लिए जहां असंतुष्ट मानी जा रही अपनी छोटी बहू अपर्णा यादव को लखनऊ कैंट से टिकट दिया है, वहीं अखिलेश को नहीं सुहाने वाले मुख्तार अंसारी के भाई सिगबतुल्ला अंसारी व अतीक अहमद को टिकट दिया गया है. अतीक को कानपुर कैंट से टिकट मिला है.

अखिलेश ने जिन मंत्रियों नारद राय, गायत्री प्रजापति, राजकिशोर सिंह, शादाब फातिमा को कैबिनेट से बाहर किया था, उन सभी को टिकट मिल गया है. अखिलेश ने शिवपाल को भी कैबिनेट से बाहर किया था, उन्हें भी टिकट मिला है और वे अपनी पुरानी सीट इटावा के जसवंतनगर से ही चुनाव लड़ेंगे.

झांसी के दौरे पर गये सीएम अखिलेश यादव ने कहा है कि वे बुंदेलखंड से चुनाव लड़ने को तैयार हैं और अपने विकास कार्यों के दम पर दोबारा सरकार बनायेंगे. मालूम हो कि मुलायम सिंह यादव ने आज पेशकश की है कि अखिलेश राज्य में जिस सीट से चाहें चुनाव लड़ सकते हैं.

तीन मंत्रियों पवन पांडेय, रामगोविंद चौधरी व अरविंद सिंह को मुलायम सिंह यादव ने टिकट नहीं दिया है. ये तीनों अखिलेश के समर्थक हैं. पवन पांडेय अखिलेश यादव के बहुत ही मुखर समर्थक हैं. अपने समर्थकों का टिकट काटे जाने से अखिलेश यादव की नाराजगी अगले कुछ दिनों में दिख सकती है.

मालूम हो कि अखिलेश व शिवपाल के बीच के झगड़े को दूर करने के लिए मुलायम सिंह ने जहां शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था, वहीं अखिलेश को संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया था. हालांकि अखिलेश ने मुलायम से मांग की थी कि टिकट बांटने का अधिकार उन्हें दिया जाये, क्योंकि उनके नेतृत्व में सरकार चल रही है और जनता को उन्हीं को कसौटी पर कसना है. दलीय व्यवस्था में प्रदेश कमेटी और प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका बहुत अहम होती है, नामों की सिफारिश प्रदेश कमेटी से की जानी होती है.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button