मेरठ : करोड़पति पुलिस वालों की खुल रही पोल, एंटी करप्शन विभाग कर सकता है जांच 

मेरठ : पांच साल में करोड़पति बनने वाले पुलिस वालों की एंटी करप्शन विभाग जांच करा सकता है. समाचार के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई है. छह थानेदारों के अलावा भी और भी पुलिस वाले करोड़पति बनने की सूची में है.

सूत्रों के अनुसार जिले में छह थानेदार पांच साल में करोड़पति बने हैं. हस्तिनापुर थानाध्यक्ष रहे धर्मेंद्र सिंह के अलावा इन थानेदारों के पास पेट्रोल पंप, आलीशान कोठी और महंगी जमीन भी हैं. करोड़पति थानेदारों की खबरें प्रकाशित होने के बाद फोन हलचल मची है. मेरठ में छह थानेदार ही नहीं अन्य पुलिस वाले भी करोड़पति हैं. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और परतापुर इंटरचेंज के निर्माण को देखते हुए एनएच-58 पर कई पुलिसवालों ने जमीन खरीद ली है.

एक थानेदार ने करीब दो करोड़ रुपए की जमीन का बैनामा कराया है, जिस पर वह अस्पताल बनाने की फिराक में है. थानेदारों के पास बेशुमार पैसा कहां से आ रहा है. इसका जवाब तो अभी पुलिस अधिकारियों के पास भी नहीं है. गढ़ रोड पर लॉकडाउन के दौरान एक पेट्रोल पंप खुला है. जिसमें एक सिपाही, एक होमगार्ड और पूर्व प्रधान की हिस्सेदारी बतायी जाती है. इसके अलावा भी महंगी जमीन उन पुलिस वालों ने खरीदी है जोकि सपा और बसपा सरकार में मलाईदार थानों में थानेदार रहे हैं

एडीजी मेरठ जोन, राजीव सभरवाल ने बताया कि पांच साल में करोड़पति बनने वाले पुलिस वालों की जांच एंटी करप्शन कर सकता है. इसके लिए उन्हें किसी से शिकायती पत्र मिलने की भी आवश्यकता नहीं है. जिन पुलिसकर्मियों के थाना प्रभारी बनने के बाद पेट्रोल पंप बने, उनकी जांच पुलिस विभाग द्वारा कराई जा रही है. भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

 

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