“मेरा भाई आपका आखिरी शिकार हो”: सुहैब की बहन का केरल के मुख्यमंत्री के नाम खुला खत

सुहैब, केरल का युवा कांग्रेस नेता था। केरल की वापपंथी सरकार के कार्यकर्ताओं ने दस दिन पहले बेरहमी से उसकी हत्या कर दी थी। सुहैब उनके परिवार का एक ही सहारा था जो कमाता था और घर को संभालता था। अपने भाई के मृत्यु से आहत बहन ने जिसका नाम सुमय्या है, ने केरल के मुख्यमंत्री को खुला खत लिखते हुए कहा है कि “मेरा भाई आपकी सूची में अंतिम शिकार हो।” वामपंथियों की रक्त रंजित राजनीती से लोग तंग आ चुके हैं। जो वामपंथी अपने स्वार्थ के लिए अपने परिवार के लोगों का ही गला दबादे, वो जनता का भला क्या करेंगे?

दस दिन पहले CPM के कार्यकर्ताओं ने सुहैब की हत्या चाकू मार के कर दिया था। करीब 37 बार मारी गयी चाकू के निशान एकलौते उसके टांगॊं पर थी तो सॊचिए पूरे शरीर पर कितने निशान रहे होंगे और अनुमान लगाइये वामपंथियों की बर्बरता का। देश के दलाल पत्रकारों को वामपंथियों की बर्बरता नज़र नहीं आती। न मानवाधिकार वालों को ऐसी हत्या अमानवीय लगती है। दोगला पन तो इन के रग रग में भरा है।

सुमय्या ने पिनराई को खत लिखते हुए कहा है:

“प्यारे मुख्यमंत्री जी,

हम प्रभावशाली लेख लिखने के लिए सक्षम नहीं हैं, पिछले कुछ दिनों से हमारा घर घोर दुख में है। हम सभी को यह अनुभव होता है, मेरी बड़ी बहनें, पिता, मां और जो लोग हमारे घर आते है उनको भी यह अनुभूती होती है। सुहैब इक्का हम सभी का सहारा था। वो हमारे दोस्त जैसा था। अब हम महसूस करते हैं कि वे कई लोगों के लिए एक समर्थन और आश्रय थे जो हमारे लिए भी अजनबी हैं। जो लोग उनकी मौत के बाद हमको मिलने आ रहे हैं, वे हमें इसके बारे में बताते हैं।

हम में से कॊई यह मानने के लिए तयार नहीं है कि इक्का अब हमारे साथ नहीं है। वाद-विवाद जो भी हो लेकिन उनका इतनी बेरहमी और बर्बरता से मरना क्या समर्थनीय है? भविष्य में किसी की भी मृत्यु इस प्रकार हॊनी नहीं चाहिए। आपके राजनीतिक हत्याओं की अकाउंट बुक में हमारे इक्का का नाम अंतिम हो। अब किसी की भी हत्या इस प्रकार ना हो।

क्या हमें और हमारे ही जैसे परिवारॊं को आप कम से कम यह आश्वासन दे सकते हैं कि भविष्य में ऐसी बर्बरता दोहराई नहीं जायेगी? सुमय्या मुख्यंमंत्री से सवाल पूछ रही है।”

इस खत से हम उन परिवारों के दर्द को जानने की कॊशिश कर सकते हैं। केवल राजनीतिक रंजिश के लिए अपने विरॊधियों को मौत के घाट उतारने वाली वामपंथी सरकार जनता का भला कभी नहीं कर सकती। केरल और बंगाल से वामपंथियों को हटाने का वक्त आ गया है। वामपंथी दल कांग्रेस से भी खतरनाक है। वामपंथियों का तो नारा ही “लाल सलाम” है, उन्हें रक्त से खेलना बेहद पसंद है। देश को वामपंथी और कांग्रेस के चंगुल से आज़ाद कराना है। अपनी जान की सलामती के लिए भगवा लहराना है। मर्जी है आपकी क्योंकि जीवन भी आप ही का है।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Back to top button