ये है इंडियन आर्मी- पत्‍थरों के जख्‍म भूल घाटी में इस तरह अपनापन बांट रहे CRPF के जवान

नई दिल्‍ली। “हमें फिक्र नहीं अपने जान-ए-अहवाल की, संजीदा हैं अपनों की मोहब्‍बत को लेकर” ये चंद अल्‍फाज़ इन दिनों जम्‍मू-कश्‍मीर में तैनात सीआरपीएफ सहित अन्‍य सुरक्षाबलों पर बेहद सटीक बैठ रहे हैं. दरअसल, घाटी में इन दिनों सुरक्षाबलों को लेकर एक गहरी साजिश रची जा रही है. साजिश रचने वाले हैं घाटी में सक्रिय आतंकियों के चंद हमदर्द. ये हमदर्द लगातार सोश‍ल मीडिया पर तमाम भावनात्‍मक तस्‍वीरें डालकर सुरक्षाबलों के प्रति नफरत फैलाने की साजिश कर रहे हैं.

इन साजिशकर्ताओं की कोशिश है कि वे सोशल मीडिया में तमाम भावनात्‍मक तस्‍वीरों और बयानों के जरिए सुरक्षाबलों को घाटी का सबसे बड़ा दुश्‍मन साबित कर दें. अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद आतंकियों के ये हमदर्द अपने मंसूबों को मुकाम तक नहीं पहुंचा पर रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह हैं घाटी में मौजूदा अमनपसंद लोग. इन अमनपसंद लोगों ने आतंकियों के हमदर्दों को करारा जवाब देते हुए सोशल मीडिया में अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है.

 

सोशल मीडिया पर छाईं सीआरपीएफ के जवानों की तस्‍वीरें
सोशल मीडिया में आई इन तस्‍वीरों में दिखाया गया है कि किस तरह सुरक्षाबलों के जवान कश्‍मीरी नागरिकों की जिंदगी का हिस्‍सा बन गए हैं. तस्‍वीरों में कहीं एक जवान को किसी बुजुर्ग को सहारा देते हुए दिखाया गया है तो कहीं बच्‍चों से हाथ मिलाते हुए सीआरपीएफ के जवान को दिखाया गया है. इन तस्‍वीरों के जरिए अमनपसंद कश्‍मीरी युवाओं ने साफ कर दिया है कि आतंक के हमदर्द चाहें कितना भी सुरक्षाबलों के अहवाल (छवि) को बदरंग करने की कोशिश करें, लेकिन वे ऐसा होने नहीं देंगे.

 

 

पत्‍थर का जवाब अपनेपन से देते सीआरपीएफ के जवान
वहीं, घाटी में जवानों ने भी सुरक्षाबलों के प्रति नफरत फैलाने की कोशिश करने वालों के प्रति अपना रुख साफ कर लिया है. अब उनको न हीं अपनी जान की फिक्र है और न ही अपने अहवाल की. उनका मानना है कि घाटी में उनसे मोहब्‍बत रखने वाले कश्‍मीरियों की तादाद नफरत के सौदागरों से कहीं अधिक है. सीआरपीएफ के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, दहशतगर्दों ने उनके कुछ अपनों को बरगलाकर पराया करने की कोशिश की है. हमारी कोशिश है कि अपने व्‍यवहार और मोहब्‍बत से दोबारा उन्‍हें अपना बना लिया जाए.

 

 

यहां जवानों को खजूर के बदले मिले पत्‍थर
शोपियां में सोमवार को घटित एक घटना का हवाला देते हुए सुरक्षाबल के वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि, स्‍थानीय लोगों से बेहतर संवाद स्‍थापित करने के लिए सुरक्षाबल के जवान एक मस्जिद के बाहर खजूर और पानी बांट रहे थे. आतंकियों के हमदर्दों को सुरक्षाबल और स्‍थानीय नागरिकों के बीच बेहतर होते रिश्‍ते पसंद नहीं आए. जिसके बाद, इन लोगों ने जवानों का विरोध करते हुए पथराव शुरू कर दिया. सुरक्षाबल संयम दिखाते हुए लंबे समय तक शांत रहे. इस उपद्रव से स्‍थानीय लोगों को परेशान होते देख सुरक्षाबलों ने हुडदंगियों को वहां से खदेड़ दिया. इस घटना को भी ये उपद्रवी अपनी तरह से सोशल मीडिया में प्रचारित करने का प्रयास कर रहे हैं.

 

 

आतंकी हमें कुत्‍ता और एजेंट बोलते हैं…
घाटी में मौजूद आतंकियों की खिलाफत में सामने आते हुए कश्‍मीरी युवाओं ने ट्वीट करना शुरू कर दिया है. हाल में मोहम्‍मद शफी खटाना नामक कश्‍मीरी युवक ने ‘kashmirRejectsMilitancy’ हैश टैग से एक ट्वीट किया है, जिसमें कहा गया है कि कश्‍मीर के लोग अब आतंकियों के उपदेशों को सुनने के इच्‍छुक नहीं हैं. आतंकी उन्‍हें कुत्‍ता और एजेंट बोलते हैं. उन्‍हें आतंकियों की मौत का जिम्‍मेदार बताया जाता है. इसी तरह, मुजैद आलम नामक शख्‍स ने रमजान के दौरान एक कश्‍मीरी युवक की हत्‍या के बाबत ट्वीट कर आतंक के खिलाफ अपनी मंशा जाहिर की है.

 

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