योगी के 46 मंत्रियों को मिलेगा जिलों का भी जिम्मा, लखनऊ तक पहुंचाएंगे जनता की आवाज

लखनऊ। प्रदेश की जनता की आवाज राजधानी लखनऊ तक पहुंचाने और सरकार के काम को जनता के बीच ले जाने के मकसद से योगी सरकार के 46 मंत्रियों को अपने मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने के अलावा एक अतिरिक्त काम भी दिया जाएगा। सभी मंत्रियों को एक या एक से ज्यादा जिले का प्रभारी बनाया जाएगा। इसके जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जमीनी स्तर पर भी लोगों को सरकार का काम दिखे और साथ ही विधायकों की आवाज लखनऊ पहुंच सके। बहुत जल्द मंत्रियों के बीच जिलों को बंटवारा किया जा सकता है।

प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने हमारे सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजना प्रदेश में ऐसा मॉडल लागू करने की है। उन्होंने कहा, ‘सीएम हर जिले और हर विधानसभा क्षेत्र के साथ जुड़े रहना चाहते हैं।’ यूपी में कुल 75 जिले और 403 विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें से 325 सीटों पर बीजेपी के विधायक हैं। योगी की योजना यह है कि एक मंत्री को एक या दो जिले का प्रभारी बनाया जाए। जिले के सभी विधायक प्रभारी के जरिए अपनी बात और नागरिकों की शिकायतें मुख्यमंत्री तक पहुंचा सकेंगे।

शर्मा के मुताबिक, ‘प्रभारी मंत्री जिले की निगरानी करेंगे ताकि सरकार का असर जमीन पर दिखे। सरकार के सभी कामों को जमीनी स्तर तक पहुंचना चाहिए। विधायकों द्वारा बताई जाने वाली परेशानी को मंत्री तुरंत लखनऊ में संबंधित विभाग के पास ले जाएंगे। इससे डिलिवरी मेकनिजम में सुधार होगा।’

बता दें कि उत्तर प्रदेश में अब ऐसा कोई जिला नहीं है जहां बीजेपी का विधायक नहीं है। 34 जिले तो ऐसे हैं जहां सिर्फ बीजेपी के ही विधायक हैं। हालांकि 325 बीजेपी विधायकों में से 209 पहली बार विधायक बने हैं। बीजेपी के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘मंत्री को जिले का प्रभारी बनाए जाने से मदद मिलेगी। ज्यादातर मंत्री विधायक भी और जाहिर है कि उन्हें अपने गृह जिले का प्रभारी भी बनाया जाएगा। इससे पार्टी और राज्य सरकार के बीच तालमेल भी बेहतर हो सकेगा।’

 

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