राज्य सभा की एक सीट ने यूपी के भीतर जातीय समीकरण को अमृत दे दिया

अभिषेक उपाध्याय

यूपी के बारे में जो बीते हुए कल लिखा, समझा, आज से ही दिखने लगा। सपा-बसपा और नजदीक आ गए। मायावती ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस नजदीकी पर फिर से मुहर लगा दी। योगी कल समझा रहे थे कि सपा धोखेबाज है, ये बात अब बसपा को समझ आएगी। पर मायावती की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने कुछ और ही समझा दिया। राज्य सभा की एक सीट ने यूपी के भीतर चल रहे जातीय समीकरण के विराट चक्रवात को 2019 का अमृत दे दिया।

बीजेपी समर्थक पता नही क्यों गुस्से में हैं? अरे महानुभाव, ये तो सिर्फ राजनीति के समीकरण की बात है। आपकी पार्टी ने एक 100 वाट का बल्ब झटककर सूरज की रोशनी से समझौता कर लिया। यहां कब लिखा कि सपा पवित्र है। या बसपा दूध की धुली है। या फिर कांग्रेस चांदनी में नहाई हुई है। यहाँ तो बात देश की सबसे ताकतवर पार्टी के सत्ता के दलदल में तब्दील हो जाने की इंतहा की है। सत्ता के इस दलदल में विवेक भी धंस ही जाता है। अब ये तय मानिए कि यूपी 2019 में गले की फांस बनने जा रहा है। सपा+बसपा+कांग्रेस के मेल से बनने वाले जातीय समीकरण का मुकाबला वैसे ही लोहे के चने चबाने जैसा है।

उस पर बीजेपी ने जोड़तोड़ के सहारे भीमराव अंबेडकर को हराकर बची ज़मीन पर भी पानी डाल दिया। Yogi Modi22014 के लोकसभा से लेकर 2017 के विधानसभा चुनावों तक बीजेपी सिर्फ मोदी लहर और जातिगत वोटों के बिखराव की फसल काटती आई है।

मोदी लहर का 2019 तक क्या असर बाकी होगा, अभी नही कह सकता। पर विपक्ष के इस जातीय समीकरण की एकजुटता सीटों में कम से कम 35 से 40 फीसदी का सेंध लगा सकती है। ये सिर्फ तय ही नही, अटल सत्य है। इस जातीय ब्रम्हास्त्र की बस एक ही काट हो सकती है और वो है ज़मीन पर किया गया चमत्कारी काम। मगर इसके लिए “मंशा” और “एनर्जी” चाहिए होती है। अब दुर्भाग्य इतना है कि मंशा नरेश अग्रवाल ने हड़प ली और एनर्जी राजा भैया के सियासी जिम का ट्रेड मिल बनाने में खर्च हो गई। फिर बचा क्या????

(टीवी पत्रकार अभिषेक उपाध्याय के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)
 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Back to top button