रोलर कोस्टर राइड जैसे थे कारागार के दिन
एक्टर संजय दत्त इन दिनों बहुत ज्यादा चर्चा में हैं। हालांकि उनकी कोई फिल्म तो नहीं आ रही लेकिन फिर भी इन दिनों सबसे ज्यादा बाद संजय दत्त की ही हो रही है।दरअसल संजय दत्त की जिंदगी की कहानी को पर्दे पर उतारती फिल्म ‘संजू’ आज रिलीज हो रही है। इस फिल्म में संजय दत्त का भूमिका रणबीर कपूर निभाने वाले हैं। यूं तो इस फिल्म में संजय दत्त की जिंदगी के कई पहलू दिखाए जाएंगे, लेकिन इस फिल्म से पहले ही संजय ने अपनी जिंदगी के एक अहम हिस्से पर बात की है। संजय दत्त का कहना है कि कारागार में बिताए समय ने उनका अंहकार तोड़ दिया व उन्हें एक बेहतर इंसान बनाया।
संजय दत्त ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को दिए एक बयान में कहा, “मेरे कैद के दिन किसी रोलर कोस्टर की सवारी से कम नहीं रहे। अगर सकारात्मक पक्ष को देखें तो इसने मुझे बहुत कुछ सिखाया व मुझे एक बेहतर आदमी बनाया। ” उन्होंने कहा, “अपने परिवार व अपने चाहने वालों से अलग रहना एक चुनौती था। उन दिनों के दौरान मैंने अपने बॉडी को अच्छे आकार में रखना सीखा। मैंने वजन व डंबल की स्थान कचरे के डिब्बों व मिट्टी के घड़ों का इस्तेमाल किया। हम हर छह महीने में कारागार के अंदर सांस्कृतिक समारोह किया करते थे, जहां मैंने उम्रकैद की सजा काट रहे लोगों को संवाद बोलना, गाना व नाचना सिखाया। ”
संजय ने कहा, “उस कठिन दौर में वे लोग मेरा परिवार बन गए थे व जब मैं पराजय मान लेता था तो वे मुझे प्रोत्साहित करते थे। ” उन्होंने कहा, “जेल में बिताए समय में मैंने बहुत कुछ सीखा। उसने मेरा अंहकार तोड़ दिया। ” कारागार से छूटने के दिनों को याद करते हुए संजय ने कहा, “अंतिम निर्णय के बाद जिस दिन से मैं कारागार से छूटा, वह दिन मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा दिन था। मैं अपने पिता (सुनील दत्त) को याद कर रहा था। मेरी ख़्वाहिश थी कि वह मुझे आजाद हुआ देखें। । वह सबसे खुश इंसान होते। हमें हमारे परिवार को कभी भूलना नहीं चाहिए वे हमेशा हमारी ताकत होते हैं। “
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