लखनऊ के ठाकुरगंज मुठभेड़ पर दिग्विजय सिंह का विधवा विलाप शुरू, पीएम मोदी पर साधा निशाना

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने लखनऊ के ठाकुरगंज मुठभेड़ के बहाने एक बार फिर नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। दिग्विजय ने कहा कि पीएम ने कहा था कि नोटबंदी से आतंकवाद खत्म हो जाएगा, लेकिन क्या वास्तव में ऐसा हुआ है? कांग्रेस नेता ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पर भी तंज कसा।

दिग्विजय ने कहा, ‘नोटबंदी से आतंक खत्म करने की बात हो रही थी, लेकिन क्या वास्तव में ऐसा दिख रहा है? आखिर IS क्यों मुस्लिम युवकों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है? इसपर सोचने की जरूरत है।’ कांग्रेस नेता ने साथ ही डोभाल पर हमलावर रुख अपनाते हुए कहा, ‘हमारे पास एक ऐसा खुफिया ऑफिसर है जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अपना पूरा करियर आतंक से लड़ते हुए बिताया है ,लेकिन उनका क्या योगदान है?’

‘आरएसएस को आईएसआई से फंड’
दिग्विजय सिंह ने 2008 के मालेगांव बम विस्फोट के आरोपी कर्नल पुरोहित और आप्टे के हवाले से आरोप लगाया कि आरएसएस को आईएसआई से फंड मिल रहा है। उन्होंने कहा, ‘आरएसएस एक्टिविस्ट और पुणे ब्लास्ट के आरोपी कर्नल पुरोहित और आप्टे ने मोहन भागवत और इंद्रेश पर आरोप लगाया था कि उन्हें आईएसआई से फंड मिल रहा है। यह मैं नहीं कह रहा हूं बल्कि उनके एक्टिविस्ट ने ही आरोप लगाए थे। वे इसका जवाब दें।’

यूपी के ठाकुरगंज में मारे गए आतंकी सैफुल्लाह के सवाल पर कांग्रेसी नेता ने साथ ही कहा कि देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले, चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान भारत में अस्थिरता फैलाने की मंशा रखता है। क्या कारण है कि कोई युवा तालिबान से नहीं जुड़ता है और IS से प्रभावित हो रहा है। मुस्लिम युवकों के IS से प्रभावित होने में सोशल मीडिया की भूमिका भी अहम है। मेरा डर धार्मिक कट्टरता को लेकर है। अगर देश का विकास करना चाहते हैं, तो हमें महात्मा बुद्ध और महात्मा गांधी के इस देश में उनके विचारों पर चलना होगा। प्यार और अहिंसा इस देश की नीति है।’

उधर कांग्रेसी नेता पीसी चाको ने केंद्रीय मंत्रियों और एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान के उन बयानों पर आपत्ति जताई है, जिसमें संदिग्ध आतंकियों के संबंध IS से बताए गए थे। चाको ने खुफिया व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि जब राज्य में पीएम समेत तमाम वीआईपी थे तब यह घटना कैसे हो गई। अगर यह (लखनऊ मुठभेड़) चुनाव के पूर्व संध्या पर हो सकता है तो कहीं भी हो सकता है। स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि पीएम और गृह मंत्री का चीजों पर नियंत्रण नहीं रह गया है।

 

 

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