लखनऊ : 4 दिन में 152 लोगों ने लौटाई एंबुलेंस

राजधानी में तमाम लोग जानबूझ कर जान जोखिम में डाल रहे हैं। कंट्रोल रूम से उनकी स्थिति के अनुसार अस्पताल भेजने के लिए एंबुलेंस भेजी गई, लेकिन उन्होंने अस्पताल जाने से इंकार कर दिया। स्वास्थ्य विभाग ऐसे लोगों की स्थिति का नए सिरे से मूल्यांकन करेगा, क्योंकि ये लोग खुद अपनी जान को जोखिम में डाल रहे हैं।

पॉजिटिव आने के बाद कोविड कंट्रोल रूम से उनके बारे में जानकारी ली जाती है। 60 साल से अधिक उम्र वाले, किसी बीमारी से ग्रसित लोगों को हर हाल में अस्पताल भेजने की व्यवस्था की गई है।

ऐसे लोगों के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से एंबुलेंस भेजी जाती है। लेकिन तमाम लोग एंबुलेंस के घर जाने के बाद भी लौटा दे रहे हैं। पिछले 4 दिन में 579 लोगों को एंबुलेंस अलॉट की गई।

इसमें 152 लोगों ने एंबुलेंस लौटा दी। इससे दोहरा नुकसान हुआ। जरूरतमंद को देर से एंबुलेंस मिली तो दूसरी तरफ एंबुलेंस लौटाने वाले लगातार जोखिम की स्थिति में रहे।

नोडल प्रभारी डॉ. केपी त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना की चपेट में आने वाले हर व्यक्ति की जान की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार माकूल व्यवस्था कर रहा है।

इसके बाद भी लोग जान जोखिम में डाल रहे हैं। ऐसे लोगों का डाटा तैयार कर स्थितियों का मूल्यांकन किया जाएगा। फिर उसी आधार पर तय होगा कि ऐसे लोगों को घर में छोड़ना है अथवा हर हाल में अस्पताल भेजना है।

 

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