लालू यादव जेल और अघोर तांत्रिक का कोप

लखनऊ। कभी बिहार के मुख्य मंत्री रहे लालू यादव इस समय जेल में दिन गुजार रहे हैं। क्यों? जाहिरातौर पर तो यह सभी जानते हैं कि चारा घोटाला में दोषी पाये जाने के बाद सी.बी.आई. की अदालत के आदेश पर उन्हें यह दिन देखना पड रहा है। लेकिन, उनके इस दुर्दिन की एक वजह और भी बतायी जा रही है। इसे खुद लालू यादव भी जानते होेगे या दूसरे बहुत ही कम लोग।

बताया जाता है कि मिर्जापुर जिला में माॅ विन्घ्यवासिनी के मंदिर के पास ही एक अघोर तांत्रिक रहा करते थे। इनकी कहानी बडी दिलचस्प है। इनका नाम तो विभूति रारायण था। लेकिन, इनके स्वभाव, हावभाव और बातचीत करने के तौरतरीके से लोग प्यार से इन्हें पगला बाबा कहा करते थे। यह बडे सिद्ध तांत्रिक थे। किसी से कुछ लेना देना नहीं। बस दिनरात एकांत में अपनी तांत्रिक साधना में ही लग रहते थे।

पगला बाबा 

इसीलिये उन्हें कुछ सिद्धियां मिल गयी थी। लेकिन, इनका उपयोग उन्होंने अपने लिये कभी नहीं किया। हाॅ, जब कोई दीनदुखी और बुरी तरह से पीडित व्यक्ति इनके पास पहुंच कर रोता गिडगिडाता था, तो यह करुणा से पिघल जाते थे। लेकिन, जाहिरातौर पर पीडित व्यक्ति को खूब गालीगलौज दिया करते थे। उसे डंडे से मार भी दिया करते थे। लेकिन, उनका यही गुस्सा ही पीडित व्यक्ति के लिये वरदान साबित हो जाता है। पलक झपकते ही उसका सारा दुखदर्द दूर हो जाता था। इसीलिये पीडित लोग बाबा की गाली सुनने और उनके डंडे की मार खाने के लिये इनके पास आया करते थे।

अर्सा पहले लालू यादव को भी इनके बारे में पता चला तो वह भी इनके पास आने लगे। वैसे भी, वह माॅ विन्ध्यवासिनी के भक्त होने के कारण विन्ध्याचल आया ही करते रहे हैं। धीरे धीरे इन पर भी पगला बाबा की कृपा होने लगी। उनके द्वारा कराये गये अनुष्ठानों से लालू यादव कई बडे गंभीर संकटों से बच गये थे। इन्हीं बाबा की ही कृपा और अनुष्ठान से चारा घोटाला के मामले में लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत मिल गयी थी। उसके बाद लालू यादव ने पगला बाबा के आश्रम में आकर तीन घंटे तक धार्मिक अनुष्ठान किया था।

वैसे भी, इन अघोरपंथी तोंत्रिकों में सबसे खास बात यह होती है कि जिस पर प्रसन्न हो गये, तो उसका बडे ही चमत्कारिक ढंग से लाभ ही लाभ होता है। इसके विपरीत जिस पर नाराज हो गये, तो उसका बहुत नुकसान भी हो जाता है। ऐसे अघोर तांत्रिक जरा सी बात पर बहुत खुश हो जाते हैं और जरा सी ही बात पर आगबबूला भी हो जाते है। इसका परिणाम अच्छा नहीं होता है।

कहा  जाता है कि एक बार किसी बहुत ही गंभीर संकटसे लालू यादव को उबारने के बाद इन्होंने उनसे हर हाल में एक अनुष्ठान करने के लिये कहा था। लेकिन, किन्हीं अपरिहार्य कारणों से लालू उक्त पूजा को करने के लिये पगला बाबा के आश्रम में नहीं आ सके। काफी समय तक उनका इंतजार करने के बाद भी लालू यादव के न आ पाने पर एक दिन बाबा को उन पर बडा गुस्सा आ गया। इसी बीच किसी ने बाबा से उनकी चर्चा कर दी तो क्रोधावेश में बाबा के मुूह से निकल पडा कि-‘लालू को बडा घमंड हो गया है। इसलिये मै उसे श्राप देता हूॅ कि वह एक दिन मिट्टी में मिल जायेगा।‘ पगला बाबा तो अब नहीं रहे। पिछले साल अप्रैल में उन्होंने यह शरीर त्याग दिया था। लोग कहते हें कि बाबा के श्राम के ही कारण लालू यादव को यह दिन देखना पड रहा है। उनके पूरे परिवार पर अत्यंत गंभीर संकट मंडरा रहा है। लोग भले ही इन बातों पर विश्वास न करें, लेकिन आश्रम के आसपास रहने वाले और पगला बाबा के भकतों का द्ढ विश्वास है कि बाबा की कोई भी बात आज तक खाली नहीं गयी।

 

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