लूट का अड्डा बन चुके प्राइवेट स्कूलों पर मोदी सरकार ने की सर्जिकल स्ट्राइक, पूरे देश में मची खलबली !

नई दिल्ली। पिछले काफी वक़्त से प्राइवेट स्कूलों पर आरोप लगते रहे हैं कि वो देश में शिक्षा के नाम पर सबसे बड़ी लूट कर रहे हैं. लोगों के मुताबिक़ पिछले कई दशकों से प्राइवेट स्कूल वाले छात्रों के परिजनों को लूटते आये हैं और सरकारें मूक-दर्शक बनी तमाशा देखती रहीं. कई लोगों ने तो यहाँ तक आर्रोप लगाए कि इन प्राइवेट स्कूलों का बस चले तो शिक्षा के नाम पर ये हमारी आधी जायदाद अपने नाम करवा लें. लेकिन अभी-अभी आयी एक खबर के मुताबिक़ सरकार ने ऐसे लुटेरे स्कूलों पर भी एक सर्जिकल स्ट्राइक करने का मन बना लिया है.

प्राइवेट स्कूलों की लूट के खिलाफ बिल !

खबर आयी है कि बीजेपी सरकार प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को लेकर सख्त हो गयी है और कई बीजेपी शासित प्रदेशों में अब ऐसे नियम बनाये जाने पर विचार होना शुरू हो गया है जिससे इनपर नकेल कसी जा सके. खबर आयी है कि गुजरात में अब प्राइवेट स्कूल मनमानी फीस नहीं वसूल सकेंगे. प्राइवेट स्कूलों को मनमानी फीस वसूलने से रोकने के लिए गुजरात सरकार ने विधानसभा में स्कूल फीस नियंत्रण बिल पेश किया है.

स्कूल फीस नियंत्रण बिल के मुताबिक स्कूलों में प्राइमरी की फीस 15000, माध्यमिक की फीस 25000 और उच्च माध्यमिक स्कूलों की फीस ज्यादा से ज्यादा 27000 तक ही होगी, यानी इससे ज्यादा फीस वसूलना गैर-कानूनी हो जाएगा. सरकार द्वारा बनाई एक कमिटी बाकायदा निगरानी करेगी कि इसका सही तरीके से पालन किया जाए. बताया जा रहा है कि गुजरात सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले से लाखों ऐसे परिवारों को राहत मिलेगी जिनके बच्चे स्कूलों में पढ़ते हैं.

पिछले 4 सालों में दोगुनी हो चुकी है फीस !

अभी कुछ ही वक़्त पहले अंग्रेजी अखबार “द टाइम्स ऑफ इंडिया” में छपी एक रिपोर्ट की मानें तो पिछले 4 सालों में प्राइवेट स्कूलों की फीस तकरीबन 103 प्रतिशत बढ़ चुकी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक़ साल 2012 के बाद से अब तक तो कई प्राइवेट स्कूलों ने फीस दोगुना तक कर दी है. ऐसे स्कूलों ने सबसे ज्यादा जेब तो उन माता-पिता की काटी है जिनके बच्चे छोटे हैं. आपको जानकार हैरानी होगी कि कई प्राइवेट स्कूलों ने पहली कक्षा से पांचवी कक्षा तक की फीस 100 फ़ीसदी तक बढ़ा दी है.

हरियाणा में भी एक्शन !

हरियाणा में भी इस गोरखधंधे के खिलाफ आवाज बुलंद की जानी शुरू हो चुकी है. शिक्षा के व्यवसायीकरण को लेकर कुछ ही वक़्त पहले हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा था. जिस पर तुरंत कार्यवाही करते हुए पीएमओ ने हरियाणा के मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि इस पर पर उचित कार्यवाही की जाए.

कार्यवाही करने के बाद, क्या कार्यवाही की गयी इस बारे में भी पीएमओ ने रिपोर्ट की मांग की थी. नोटबंदी के बाद आगरा में अपनी महापरिवर्तन रैली में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने शिक्षा के व्यवसायीकरण का जिक्र भी छेड़ा था. पीएम मोदी ने कहा था कि जब माता-पिता अपने छोटे-छोटे बच्चों को प्रवेश दिलाने इन स्कूलों में जाते हैं तो उनसे नोट मांगे जाते हैं.

प्राइवेट स्कूलों की लूट पर मोदी सख्त !

जिसके चलते इन अभिभावकों को ईमानदार से कमाया गया अपना धन भी काला करके इन स्कूलों को देना पड़ता है. यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो ये स्कूल उनके बच्चों को प्रवेश नहीं देते हैं लेकिन मोदी सरकार में ये गोरखधंधा नहीं चलेगा और इस मनमानी को रोकने के लिए मोदी सरकार उपाय करने जा रही है.

अब जिस तरह से गुजरात और हरयाणा में सख्त कदम उठाये जाने शुरू हो गए हैं, जानकारों का कहना है कि जल्द ही सभी बीजेपी शासित प्रदेशों में इसे लागू किया जाएगा और उसके बाद पूरे देश में ऐसे सख्त क़ानून बनाकर प्राइवेट स्कूलों की लूट को हमेशा के लिए ख़त्म कर दिया जाएगा.

 

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