वरुण गांधी को मारना चाहता था दाऊद का ये शूटर, अबु धाबी से हुआ गिरफ्तार

नई दिल्ली। अबु धाबी में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के शार्प शूटर राशीद मालबारी की गिरफ्तारी के बाद सनसनीखेज खुलासा हुआ है. राशीद मालबारी ने छोटा शकील के कहने पर श्रीराम सेना के संस्थापक प्रमोद मुथालिक और बीजेपी नेता वरुण गांधी को मारने का प्लान बनाया था, लेकिन साजिश को अंजाम देने से पहले उसके शूटर गिरफ्तार हो गए थे.

राशीद साल 2014 में मंगलूरु कोर्ट से बेल जंप कर नेपाल के रास्ते इंडिया से फरार हो गया था. वह छोटा शकील का सबसे खास गुर्गा है. अंडरवर्ल्ड के नेपाल का सारा काम राशीद मालबारी ही देखता है. बैंकाक में साल 2000 में छोटा राजन पर हमले में राशीद मालबारी भी शामिल था. हमले में छोटा राजन को गोली लगी थी, लेकिन वो फरार हो गया था.

इस हमले में छोटा राजन का करीबी रोहीत वर्मा हमले में मारा गया था. उस वक्त राशीद मालबारी ने भी छोटा राजन पर गोली चलाई थी. उस पर हत्या और रंगदारी के कई मुकदमें दर्ज हैं. मंगलूरु कोर्ट में बेल जंप होने के बाद जब ये फरारा हुआ था, तब पुलिस ने इसके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया था. इसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस भी जारी हो चुका था.

राशीद डी गैंग का इंडिया में सबसे बड़ा गुर्गा माना जाता है. इसने छोटा राजन पर हमले के अलावा क्वालालम्पुर में छोटा राजन के करीबी की हत्या शकील के कहने पर की थी. सुरक्षा एजेंसियां गिरफ्तारी के बाद से राशीद को भारत लाने की कोशिश कर रही हैं. राशीद की गिरफ्तारी की पुष्टी खुद छोटा शकील ने की है.

दुबई से गिरफ्तार हुआ था फारूक टकला

बताते चलें कि पिछले कुछ वर्षों से अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के खास लोगों की गिरफ्तारी लगातार हो रही है. इससे पहले उसके भाई सहित कई खास गुर्गे गिरफ्तार हुए हैं. इसमें फारूक टकला का नाम प्रमुख है, जिसे दुबई से गिरफ्तार किया गया था. वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में भी था.

डी कंपनी के लोगों की करता था मदद

वह अक्सर दुबई और कराची के बीच यात्रा करता था. वो पाकिस्तान आने वाले डी कंपनी के लोगों की मदद भी करता था. एजेंसियों का मानना है कि फारूक टकला ने संयुक्त अरब अमीरात में अपना नेटवर्क मजबूत कर लिया था. वो दाऊद के इशारे पर संयुक्त अरब अमीरात में गैंग के सदस्यों के हर तरह की मदद मुहैया कराता था.

1993 धमकों के बाद से फरार था टकला

टकला दुबई में दाऊद के अवैध कारोबार की देखरेख भी करता था. मुंबई धमाकों की सुनवाई के दौरान आरोप पत्र दायर होने के बाद फारूक की भूमिका का पता चला था. वह मोहम्मद अहमद मोहम्मद यासीन मंसूरी उर्फ लांगड़ा का भाई है. उसे डी कंपनी का प्रबंधक भी माना जाता है. 1993 के धमाकों के बाद से ही टकला फरार चल रहा था.

 

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