वीडियो फुटेज से खुलासा- जामिया की लाइब्रेरी में दिखे लोग ही पथराव में थे शामिल

नई दिल्ली। जामिया कैंपस में बल के इस्तेमाल को लेकर दिल्ली पुलिस आलोचनाओं के घेरे में है. इंडिया टुडे टीवी की ओर से की गई विजुअल्स की जांच से सामने आया है कि कुछ लोग जो पत्थर हाथ में लेकर पहले रेलिंग्स पर कूदते देखे गए, वहीं जामिया मिलिया इस्लामिया के रीडिंग रूम (लाइब्रेरी) में भी घुसे. ये विजुअल्स पुलिस के रीडिंग रूम में घुसने और लाठीचार्ज करने से पहले के हैं.

जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी की ओर से रिलीज की गईं वीडियो फुटेज, दिल्ली पुलिस सोर्सेज और यूट्यूब चैनल मखतूब मीडिया का तुलनात्मक अध्ययन दिखाता है कि लाइब्रेरी के बाहर पत्थर फेंकने वाले कई लोग पुलिस के रीडिंग रूम में दाखिल होने से और बल प्रयोग करने से पहले ही वहां छुपने के लिए घुस चुके थे. अभी तक ये स्थापित नहीं हो सका है कि फुटेज में दिखाई देने वाले ये लोग जामिया के छात्र हैं या बाहरी लोग.

पात्र नंबर- 1

दिल्ली पुलिस सोर्सेज की ओर से रिलीज सीसीटीवी फुटेज में एक गंजे व्यक्ति को पत्थर में हाथ लिए बॉलकनी से कूदते देखा जा सकता है. मखतूब मीडिया की ओर से यूट्यूब पर रिलीज एक और फुटेज में उसी व्यक्ति को लाइब्रेरी के अंदर देखा जा सकता है. मखतूब मीडिया की ओर से यूट्यूब पर जारी फुटेज में – ‘जामिया लाइब्रेरी में दिल्ली पुलिस की क्रूरता’ दिखाने का दावा किया गया था. इसी कमरे से एक और फुटेज स्थापित करती है कि यही व्यक्ति पुलिस के लाइब्रेरी में प्रवेश करने से पहले एक ग्रुप के साथ रीडिंग रूम में घुसा. इस ग्रुप के कुछ लोगों ने अपने चेहरों को हाथ से ढका हुआ है.

 

pics-2_021720071325.jpg

पात्र नंबर- 2हैट और लाल स्वेटशर्ट पहने ये व्यक्ति बॉलकनी में पत्थर फेंकने वालों के साथ देखा गया. इस व्यक्ति को भी पुलिस के रीडिंग रूम में घुसने से पहले वहां प्रवेश करते देखा गया. कपड़े से मुंह ढके इस व्यक्ति को लाइब्रेरी में बैठे छात्रों को हाथ के इशारे से चुप रहने के लिए कहते देखा जा सकता है.

pics-3_021720071428.jpg

pics-4_021720071443.jpg

पात्र नंबर-3लंबे बालों और दाढ़ी वाले एक और व्यक्ति को दोनों वीडियो में काफी सक्रिय देखा जा सकता है. इस व्यक्ति ने दोनों हाथों में कुछ पकड़ा हुआ है और इसे बॉलकनी में पत्थर फेंकने वालों के साथ और रीडिंग रूम, दोनों जगह देखा जा सकता है.

pics-5_021720071542.jpg

संभावित कड़ियां

हालांकि विभिन्न स्रोतों की ओर से रिलीज जामिया की कुछ फुटेज में टाइम स्टैम्प नहीं है, लेकिन दो वीडियो में सक्रिय टाइम स्टैम्प है. मान लिया जाए कि दोनों सीसीटीवी कैमरा समान सर्वरों से जुड़े थे और एक ही घड़ी फॉलो कर रहे थे.

pics-6_021720071633.jpg

ऐसे में बॉलकनी में पत्थर लेकर खड़े लोगों और पुलिस के लाइब्रेरी में बल प्रयोग के समय अंतर को देखा जाए तो कम से कम तीन मिनट का फर्क है. यानि बॉलकनी में खड़े लोगों को देखे जाने के कम से कम तीन मिनट बाद पुलिस लाइब्रेरी में घुसी.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button