शटलर लक्ष्य सेन ने रचा इतिहास, 53 साल बाद इस चैंपियनशिप में भारत को दिलाया गोल्ड

जकार्ता/नई दिल्ली।  भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने रविवार (22 जुलाई) को बैडमिंटन एशिया जूनियर चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता. लक्ष्य ने पुरुष एकल वर्ग के फाइनल में थाईलैंड के खिलाड़ी कुनलावुत वितिदसार्न को मात दी. इस चैम्पियनशिप में छठी सीड अंडर-19 के फाइनल में वितिदसार्न को 46 मिनटों के भीतर सीधे गेमों में 21-19, 21-18 से मात दी.

फाइनल मुकाबला बेहद दिलचस्प रहा. दोनों खिलाड़ियों के बीच कांटे की टक्कर बनी रही, लेकिन अंत समय में भारतीय शटलर ने थाईलैंड के कुनलावुत वितिदसार्न पर बढ़त बना ली. एक वक्त दोनों खिलाड़ी 14-14 से बराबरी पर चल रहे थे, लेकिन लक्ष्य सेन ने बढ़त बनाकर दबाव कायम रखा और गेम अपने नाम कर लिया. सेमीफाइनल में लक्ष्य का मुकाबला इंडोनेशिया के इखसान लियोनार्डो इमानुएल रुमबे से था. लक्ष्य ने इखसान को वह मैच 21-7, 21-14 से हराया था.

 

 

लक्ष्य एशिया जूनियर चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतने वाले तीसरे भारतीय बन गए हैं. लक्ष्य से पहले इस चैम्पियनशिप में 1965 में गौतम ठक्कर और 2012 में पी.वी. सिंधु ने सोना जीता था.

लक्ष्य सेन के गोल्ड जीतने के बाद भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) ने युवा खिलाड़ी लक्ष्य सेन को 10 लाख रुपये की नकद इनामी राशि देने की घोषणा की. लक्ष्य ने पिछले साल इस टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता था. बीएआई के अध्यक्ष हेमंत बिस्व सरमा ने लक्ष्य की उपलब्धि की तारीफ करते हुए कहा , ‘‘ लक्ष्य ने देश को गौरवान्वित किया है. हम युवाओं पर निवेश कर रहे हैं और उसका नतीजा देख कर खुश हैं. ’’ बीएआई के महासचिव अजय सिंघानिया ने भी इस खिलाड़ी की तारीफ की. उन्होंने कहा , ‘‘ यह पूरे बीएआई परिवार और अधिकारियों के लिए जश्न मनाने का मौका है. एशिया में पदक जीतना हमेशा अच्छा होता है , लेकिन स्वर्ण जीतना शानदार है. हमें इस युवा खिलाड़ी पर फख्र है.’’

 

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