शाह चल रहे भरमाने वाली चाल, ‘SP पर निगाहें, BSP पर निशाना’

07Amit-Shahwww.tahalkaexpress.com नई दिल्ली। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भले ही कहा हो कि उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में उनका मुकाबला समाजवादी पार्टी से होगा, लेकिन भगवा दल इस जंग में बीएसपी को भी हल्के में नहीं ले रहा है। बीजेपी दलित समुदाय से जुड़ी शख्सियतों से खुद को जोड़ने की कोशिश कर रही है। साथ ही, वह अनुसूचित जाति के वोटरों को बीएसपी से खींचने के लिए बौद्ध भिक्षुओं का इस्तेमाल कर रही है।

राज्य में मायावती की जमीन मजबूत होती बताई जा रही है, लेकिन बीजेपी अपनी इन कोशिशों से उन्हें चुनौती देने की तैयारी में है। साल 2002 में राजनाथ सिंह की अगुवाई में यूपी में बीजेपी की आखिरी सरकार थी। उस वक्त बीजेपी के सत्ता से बाहर होने के बाद से यूपी में एसपी और बीएसपी ही चुनाव का मुख्य केंद्र रही हैं। इसे देखते हुए अखिलेश यादव सरकार के खिलाफ किसी भी सत्ता विरोधी रुझान का स्वाभाविक फायदा बीएसपी को मिलता हुआ माना जाना चाहिए। हालांकि बीजेपी को उम्मीद है कि ब्राह्मणों, बनिया समुदाय और अति पिछड़े वर्गों में पैठ के साथ दलित वोटरों का एक हिस्सा जोड़कर वह बीएसपी की जगह ले लेगी।

पूर्व राज्यसभा सांसद और ऑल इंडिया भिक्षु संघ के प्रमुख 75 वर्षीय डॉ धम्म विरियो के नेतृत्व में करीब 75 बौद्ध भिक्षुओं वाली धम्म चेतना यात्रा को 24 अप्रैल को सारनाथ से रवाना किया गया था। इसने 5 जून को पहला चरण पूरा किया। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि वाराणसी और गोरखपुर के इर्दगिर्द पूर्वी उत्तर प्रदेश के 19 जिलों को इसमें कवर किया गया। बताया जा रहा है कि इस यात्रा और इसके असर पर बीजेपी मुख्यालय के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय से नजर रखी जा रही है।
इस यात्रा पर बीजेपी की छाप यूं भी साफ दिख रही है। इन भिक्षुओं को ले जाने वाले एसयूवी पर पीएम नरेंद्र मोदी की वे तस्वीरें लगी हैं, जो डॉ भीमराव आंबेडकर से जुड़े कार्यक्रमों की हैं। बीजेपी के सांसद इस यात्रा को सपॉर्ट कर रहे हैं। गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ ने अपने लोकसभा क्षेत्र में यात्रा का स्वागत किया था तो बीजेपी महासचिव अरुण सिंह 10 जून को बहराइच में विरियो से मिलेंगे, जब यात्रा का दूसरा चरण शुरू होगा।

एक सीनियर बीजेपी लीडर ने कहा, ‘ये भिक्षु लोगों को बता रहे हैं कि दलितों की भलाई का जो काम कांशीराम और आंबेडकर ने तय किया था, उससे मायावती भटक गई हैं।’ विरियो हालांकि विवादों में भी रहे हैं। फंड के दुरुपयोग के मामले में एक बार उन्हें जेल भेजा गया था। बीजेपी नेता ने कहा, ‘ये बौद्ध भिक्षु बौद्ध विहारों में जा रहे हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में इनकी काफी संख्या है। वहां ये उन दलितों से मिल रहे हैं, जिन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया है।’

हालांकि जाटव वोटर हमेशा मायावती के साथ रहे हैं और इसे देखते हुए बीजेपी की उम्मीद दलित समुदाय के दूसरे वोटरों पर टिकी है। जाटव सहित दलितों का यूपी के वोटरों में करीब 23 पर्सेंट हिस्सा है। इस यात्रा का दूसरा चरण 14 अगस्त को पूरा होगा, जिसमें वेस्टर्न यूपी को कवर किया जाएगा। तीसरे चरण में बुंदेलखंड और लखनऊ को कवर किया जाएगा, जो 14 अक्टूबर को पूरा होगा। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी एक बड़ी रैली को संबोधित करने वाले हैं। इसी दिन 1956 में डॉ आंबेडकर ने बौद्ध धर्म अपनाया था।

 

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