श्रम सुधार कानून से जगी रोजगार की आस, जानिए

भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industry) ने दावा किया है कि संसद (Parliament) में पास हुए श्रम सुधार कानून ( Labor Reform Act ) से रोजगार पैदा करने में मदद मिलेगी। सीआईआई ने कहा कि नया कानून श्रमिक और उद्योग दोनों के लिए बेहतर माहौल तैयार करने में मदद करेगा।

इसमें कई नियामकीय ढांचे बनाए गए हैं, जो लाखों कामगारों के लिए फायदेमंद हैं। कंपनियां अब श्रमिकों से ज्यादा पारदर्शिता और स्पष्टता के साथ पेश आएंगी। इन सुधारों से निवेश को बढ़ावा मिलेगा और उद्योगों का विस्तार होगा, जो रोजगार पैदा करेंगे।

सरकार के बीच संबंधों को परिभाषित करती हैं

बता दें कि  श्रम अधिनियम या श्रम कानून किसी राज्य द्वारा निर्मित उन कानूनों को कहते हैं जो श्रमिक (कार्मिकों), रोजगार प्रदाताओं, ट्रेड यूनियनों तथा सरकार के बीच संबंधों को परिभाषित करती हैं। श्रमिक, समाज के विशिष्ट समूह होते हैं। इस कारण श्रमिकों के लिये बनाए गये विधान, सामाजिक विधान की एक अलग श्रेणी में आते हैं।

श्रमिकों के समक्ष रोज़गार का संकट है

अर्थव्यवस्था में इन सुधारों के मांग के क्रम में ही कोरोना वायरस के प्रसार ने व्यापक प्रभाव डाला है। वर्तमान में आर्थिक गतिविधियाँ पूरी तरह से बंद हैं। इस समय जहाँ उद्योगों के समक्ष कार्य संचालन की समस्या है तो वहीं श्रमिकों के समक्ष रोज़गार का संकट है। ऐसी स्थिति में सरकार उद्योगों का कार्य संचालन प्रारंभ करना चाहती है परंतु तमाम उद्योगपति जटिल श्रम कानूनों के कारण उद्योगों को प्रारंभ करने में सशंकित हैं। ऐसे में कई राज्यों द्वारा किये जा रहे श्रम कानूनों में बदलाव अर्थव्यवस्था के लिहाज़ से सकारात्मक कदम साबित हो सकते हैं।

 

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