सदन में पक्ष-विपक्ष सहूलियत के हिसाब से इस्तेमाल करते हैं वाजपेयी को

नई दिल्ली।पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अपने राजनीतिक करियर में शानदार नेता के साथ ही अपने उत्कृष्ट भाषणकला और शानदार कविताओं के लिए भी जाने जाते थे. यही वजह है कि उनके शब्दों का इस्तेमाल न सिर्फ बीजेपी पर विपक्षी पार्टियां भी समय समय पर करती रही हैं. वहीं अब सदन में पक्ष-विपक्ष सहूलियत के हिसाब से इस्तेमाल वाजपेयी और उनके शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

बुधवार को धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान हंगामा होने से बिफरे पीएम मोदी ने विपक्ष पर वार करते हुए कहा कि वहीं रह जाओगे जहां हो, क्योंकि वाजपेयी ने कहा था कि छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता.

वहीं सोमवार को नरेश अग्रवाल ने भी सरकार को नसीहत दी थी कि वो वाजपेयी से सीखे कि उन्होंने क्या नसीहत दी थी. नरेश अग्रवाल ने भी वाजपेयी के इन्हीं शब्दों का इस्तेमाल किया था कि ”बीजेपी को अटल, आडवाणी ने जिंदा किया, कम से कम उनके कहे शब्दों को ही याद कर लीजिए, बहुत भला होगा. अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था, छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता और टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता. नरेश अग्रवाल के भाषण को भी सदन में सराहा गया था. नरेश अग्रवाल ने अपने भाषण में केंद्रपर वार करते हुए कहा था कि इस देश में कोई भी सरकार हमेशा नहीं रहेगी. अपना दिल बड़ा करिए, सबको साथ लेकर चलिए. सबको जाना है. इस देश में नरेश फॉर्मूला भी चलता था. हमने ही कल्याण की सरकार बना दी थी, जो नहीं बन रही थी.

वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को गुस्से के लहजे में विपक्ष पर करारा वार किया. उन्होंने इस दौरान कई शायरी भी कही. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संसद में बयान दिया. लोकसभा में पीएम मोदी के बयान से पहले ही विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी. पीएम मोदी के खड़े होने पर भी शोर कम नहीं हुआ और विपक्षी सांसदों ने सदन में जमकर नारेबाजी की.

पीएम मोदी के बयान के दौरान सदन में बीजेपी की सहयोगी टीडीपी के सांसद भी नारेबाजी करते रहे. इस दौरानड्रामा बंद करो, झूठे वादे बंद करो और धमकाना बंद करो जैसी नारेबाजी करते रहे. यहां तक कि जुमलेबाजी बंद करो जैसे नारे भी गूंजते रहे. साथ ही झूठा भाषण बंद करो और मैच फिक्सिंग बंद करो जैसे नारे भी सुनाई देते रहे.

पीएम मोदी ने कहा कि अभिभाषण के बाद जो चर्चा हुई है, उसपर पक्ष-विपक्ष दोनों तरफ से बातें कहीं गई हैं.  मोदी ने कहा कि सदन में सार्थक चर्चा हुई है, लेकिन सिर्फ विरोध के खातिर ही विरोध करना कितना उचित है ये देखना होगा.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति किसी दल या पार्टी के नहीं होते हैं. हमारे देश में राज्यों की रचना अटल बिहारी वाजपेयी ने भी की थी, उन्होंने तीन राज्यों की रचना की थी लेकिन कोई हंगामा नहीं हुआ था. किसी भी राज्य को कोई भी समस्या नहीं हुई थी. पीएम मोदी बोले कि जब आपने (कांग्रेस) भारत का विभाजन किया और देश के टुकड़े किए और जो जहर बोया उसके कारण ये हंगामा हो रहा है.

पीएम मोदी ने इस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी की बात को दोहराया. उन्होंने कहा कि छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता. उन्होंने कहा कि 80 के दशक में 21वीं सदी के सपने दिखाई जाते थे, लेकिन वो सरकार इस देश में एविएशन पॉलिसी भी नहीं ला पाई. आज हमारी सरकार देश के छोटे शहरों को हवाईमार्ग से जोड़ रही है. आज देश में करीब 450 जहाज ऑपरेशनल हैं, इस साल हमने 900 से ज्यादा हवाई जहाज खरीदने के ऑर्डर दिए हैं.

भले ही उन्होंने राजनीतिक करियर के दौरान राइट विंग बीजेपी का दामन थामा हुआ था, लेकिन आज जिस तरह से बीजेपी वल्लभ भाई पटेल जैसे पूर्व दिग्गज कांग्रेस नेताओं को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है. वहीं विपक्षी पार्टी भी इस मामले में पीछे नहीं है और उसने अटल बिहारी वाजपेयी के कामों को भले ही हाईजैक न किया हो, लेकिन उनके शब्द जरूर अपनाना शुरू कर दिया है. समाजवादी के नरेश अग्रवाल का बयान तो उदाहरण भर है, लेकिन बीजेपी से सिखते हुए कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी द्वारा कहे शब्दों का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करने की शुरुआत कर दी है.

 

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