सर्जिकल स्ट्राइक: रूस के बाद जर्मनी भी खुलकर आया भारत के साथ
नई दिल्ली। एलओसी पार कर भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक को चौतरफा समर्थन मिल रहा है। दुनिया की महाशक्तियां खुलकर भारत के पक्ष में बयान जारी कर रही हैं। पहले रूस ने इस मुद्दे पर भारत का समर्थन किया तो अब जर्मनी भी इस दिशा में आगे बढ़ चुका है। जर्मनी ने बुधवार को सर्जिकल स्ट्राइक पर भारत के कदम का समर्थन किया और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में साथ होने की बात कही। इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में पाकिस्तान पर चौतरफा दबाव बढ़ता ही जा रहा है।
सर्जिकल स्ट्राइक पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में जर्मनी के राजदूत मार्टिन ने कहा, ‘इस मुद्दे (क्रॉस बॉर्डर टेररेज़म) पर दो अंतरराष्ट्रीय कानून हैं। पहला स्पष्ट कानून है कि हर राज्य को न्यायिक प्रक्रिया के तहत यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसकी धरती पर आतंकवाद न पनपे।’ दूसरा यह कि हर देश को वैश्विक आतंकवाद से अपनी रक्षा करने का अधिकार है।’
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए जर्मन राजदूत ने कहा, ‘जब बात आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की आती है, तो जर्मनी अपने रणनीतिक पार्टनर (भारत) के साथ खड़ा होता है। और ये (बयान) केवल शब्द भर नहीं हैं। पीएम मोदी और चांसलर अंगेला मर्केल के बीच साइन हुए राजनीतिक घोषणापत्र में इसे स्पष्ट किया गया है।’
मार्टिन ने कहा, ‘मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि यह केवल कहने की बात नहीं कि हम भारत के साथ खड़े हैं। इस बात के पीछे ठोस आधार हैं।’ इससे पहले भारत में रूस के राजदूत ने भी सर्जिकल स्ट्राइक पर भारत का समर्थन किया था। मंगलवार को यूरोपियन संसद के उप-राष्ट्रपति ने भी आतंकवाद के मसले पर भारत के साथ खड़े होने की बात कही थी।
यूरोपियन संसद के उप राष्ट्रपति ने कहा था कि पाकिस्तान की तरफ से पनप रहे आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत वैश्विक समर्थन का हकदार है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो जल्द ही यूरोप और पश्चिम भी हमले के शिकार होने लगेंगे। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि यूरोपीय यूनियन पाकिस्तान पर उसकी जमीन पर पनप रहे आतंकवाद के खात्मे का दबाव बनाए।
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