सुनंदा पुष्‍कर मौत मामला: थरूर की अग्रिम जमानत पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

नई दिल्ली। सुनंदा पुष्कर मौत मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने शशि थरूर की अग्रिम जमानत याचिका पर गुरुवार तक के लिए फैसला सुरक्षित रखा है. दिल्ली पुलिस ने थरूर की अग्रिम जमानत का विरोध किया है. थरूर ने उनके खिलाफ आरोपी के तौर पर केस चलाए जाने के आदेश के बाद दिल्‍ली के पटियाला हाउस कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था.

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Sunanda Pushkar death case: Delhi’s Patiala House Court reserves order on Shashi Tharoor’s anticipatory bail plea for tomorrow

शशि थरूर को इस बात का डर है कि 7 जुलाई को सुनवाई के दौरान उन्‍हें गिरफ्तार किया जा सकता है. सुनंदा पुष्कर की मौत मामले में उनके पति शशि थरूर को कुछ दिन पहले ही सीबीआई की विशेष अदालत ने आरोपी माना है. शशि थरूर को 498ए के तहत भी सजा हो सकती है. मालूम हो कि सुनंदा पुष्कर ने 8 जनवरी 2014 को अपने पति शशि थरूर को ईमेल में लिखा था कि, ‘मेरी जीने की इच्छा नहीं है. मैं सिर्फ मौत की कामना कर रही हूं.’ इस ईमेल के 9 दिन बाद सुनंदा दिल्ली के एक होटल में मृत मिली थीं.

इसके पहले सुनवाई के दौरान सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा था कि सुनंदा की तीसरी शादी थी जिसको 3 साल 3 महीने हुए थे. जो चार्जशीट फाइल की गई है वह ‘अबेटमेंट फॉर सुसाइड’ और क्रुएलिटी के तहत ही दायर की गई है. चार्जशीट में पुलिस ने उस कविता का भी जिक्र किया है, जिसे खुद सुनंदा ने मौत से दो दिन पहले लिखा था. जिसका मतलब निकाला जा सकता है कि मौत से पहले वह काफी डिप्रेशन में थी.

कांग्रेस नेता पर आईपीसी की धारा 498 ए (क्रूरता) और 306 (आत्महत्या के लिये उकसाने) के आरोप लगाए गए हैं. धारा 498 ए के तहत अधिकतम तीन साल के कारावास की सजा का प्रावधान है जबकि धारा 306 के तहत अधिकतम 10 साल की जेल हो सकती है. दिल्ली पुलिस ने एक जनवरी 2015 को आईपीसी की धारा 302 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. हालांकि शशि थरूर को इस मामले में अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है.

 

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