सुशील गुप्ता के नाम का बैठक में आशुतोष ने किया था विरोध, नहीं माने केजरीवाल!

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के सूत्रों के मुताबिक AAP नेता आशुतोष ने पॉलिटिकल अफेयर कमिटी (PAC) की बैठक में सुशील गुप्ता के नाम का विरोध किया था. सूत्रों की मानें तो सुशील गुप्ता के नाम पर आशुतोष ने साफ तौर पर इनकार कर दिया था, इसके बावजूद अरविंद केजरीवाल और अन्य पॉलिटिकल अफ़ेयर कमिटी के सदस्यों ने सुशील गुप्ता को चुना.

देर से मीटिंग में पहुंचे थे आशुतोष

बता दें, आशुतोष PAC मीटिंग में काफी देरी से पहुंचे थे और बैठक खत्म होने के तुरंत बाद सीएम हाउस से रवाना भी हो गए थे. दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने पहली बार राज्यसभा के लिए अपनी 3 सीटें पक्की की हैं. पीएसी की बैठक में संजय सिंह, नारायण दास गुप्ता और सुशील गुप्ता को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है. 5 जनवरी को राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन करने की आखिरी तारीख है. वहीं, 16 जनवरी को चुनाव होने हैं.

जैसा केजरीवाल का आदेश, वैसा होगा काम: एनडी गुप्ता

वहीं, राज्यसभा के लिए नाम तय होने के बाद नारायण दास गुप्ता ने कहा, ‘मेरा नाम तय करने के लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का शुक्रिया. मेरा प्रयास रहेगा कि मैं पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरूं. मेरा फोकस इकॉनमी पर ही रहेगा. मेरी कोशिश रहेगी कि बेरोजगारी की समस्या को उठा सकूं, युवाओं को सही मार्गदर्शन मिल सके.’

एनडी गुप्ता ने कहा, ‘अरविंद केजरीवाल से मुलाक़ात करूंगा. काम वैसा ही होगा जैसा केजरीवाल जी का आदेश मिलेगा. नोटबंदी और जीएसटी का देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है. इनसे जुड़े नुकसान और तमाम मुद्दों को राज्यसभा में उठाने की कोशिश रहेगी. राज्यसभा चुनाव के लिए मुझे सभी विधायकों का समर्थन है.’

बाहरी नहीं, हम सब पार्टी के लोग

एनडी गुप्ता ने बताया, ‘अरविंद केजरीवाल से 1998 से जुड़ा हुआ हूं. मैं चार्टेड अकाउंटेड हूं और जब केजरीवाल इनकम टैक्स में थे तब से उनके साथ जुड़ा हूं. मुझे अरविंद केजरीवाल की सोच अच्छी लगती थी. अरविंद केजरीवाल का साथ 2015 के विधानसभा चुनाव में भी दिया था. बाहरी कोई नहीं है. ये सोच सोच की बात है. हम सब पार्टी के ही लोग हैं.’

कौन हैं सुशील गुप्ता?

सुशील गुप्ता दिल्ली और हरियाणा में शिक्षा और स्वास्थ्य के बिजनेस से जुड़े हैं. लॉ ग्रैजुएट सुशील गुप्ता इससे पहले 2013 में कांग्रेस की ओर से चुनाव भी लड़ चुके हैं, लेकिन वे हार गए थे. चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे के मुताबिक, 4 साल पहले वे 164 करोड़ के मालिक थे.

कुमार विश्वास ने कहा- मुझे दंडित किया गया

वहीं, नाम के ऐलान के बाद कवि और पार्टी नेता कुमार विश्वास का दर्द छलका है. कुमार ने कहा कि मुझे सर्जिकल स्ट्राइक, टिकट वितरण में गड़बड़ी, जेएनयू समेत अन्य मुद्दों पर सच बोलने के लिए मुझे दंडित किया गया है. मैं इस दंड को स्वीकार करता हूं. प्रतिक्रिया देते हुए कुमार ने कहा कि सब अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं. आप अपनी लड़ रहे हैं, मैं अपनी लड़ रहा हूं. मैं बहुत शुभकामाएं देता हूं जिनको रामलीला मैदान के लिए चुना है.

उम्मीदवारों को लेकर थी अटकलें

बीते 29 दिसंबर को अधिसूचना जारी होने के साथ ही चुनाव चुनावी प्रक्रिया तो शुरू हो गयी है. लेकिन AAP ने अभी तक पत्ते नहीं खोले थे. यूपी के प्रभारी और पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह का राज्यसभा जाना तय था और पार्टी में उनके नाम पर पहले ही सहमति बना चुकी थी.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button