हरदा में एक ही जगह पटरी से उतरीं दो ट्रेनें, 31 यात्रियों की मौत
तहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि, भोपाल/नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के हरदा जिले में मंगलवार देर रात दो रेलगाड़ियां की कुछ बोगियां पटरी से उतरने के बाद काली माचक नदी में गिर गईं, जिसमें कई यात्रियों की मौत हो गई। अब तक 31 यात्रियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। रेलवे ने मृतकों के परिवार को 2 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल के लिए 50 हजार रुपये और कम घायलों को 25 हजार रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इस बीच, दुर्घटना की वजह से इस रूट की एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनें कैंसल और तीन दर्जन से ज्यादा ट्रेनों का रूट बदला गया है।
मुंबई से वाराणसी जा रही कामायनी एक्सप्रेस के 10 डिब्बे और राजेंद्र नगर (पटना) से मुंबई जा रही जनता एक्सप्रेस का इंजन और 7 डिब्बे कल रात 11 से साढ़े ग्यारह बजे के बीच भिरंगी और खिरकिया के बीच में बने माचक नदी के पुल पर अप और डाउन ट्रैक पर पटरी से उतर गए। माचक नदी बाढ़ के पानी से उफन रही थी और नदी पर बने पुल पर इन रेलगाडियों के पहुंचते ही अचानक पटरी धंस गई थी। मध्यप्रदेश सरकार के प्रवक्ता अनुपम राजन ने बताया, ‘अब तक 29 यात्रियों के शव दुर्घटनास्थल से निकाले जा चुके हैं, जिनमें 13 पुरुष, 11 महिलाएं और पांच बच्चे हैं। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।’ रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि 250 से अधिक यात्रियों को बचा लिया गया है। उधर, घटना के बाद राजनीति भी शुरू हो गई और कांग्रेस ने रेल मंत्री का इस्तीफा मांग लिया। कांग्रेस ने कहा कि यह साफ तौर पर लापरवाही से हुआ हादसा है। दिग्विजय सिंह ने हरदा हादसे पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कई ट्वीट किए और सुरेश प्रभु के इस्तीफे की मांग की। दूसरी तरफ, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, प्रार्थना करता हूं कि हादसे में घायल हुए यात्री जल्द स्वस्थ हो जाएं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा, राज्य सरकार हरसंभव सहायता उपलब्ध करा रही है। विभिन्न शहरों से मेडिकल टीमें घटना स्थल भेजी गई हैं।डिविजनल कमर्शल रेलवे मैनेजर (डीसीआरएम) ब्रजेन्द्र कुमार ने कहा कि लगभग 25 यात्री इस हादसे में घायल हुए हैं। उन्होने कहा कि दुर्घटना राहत एवं बचाव रेलगाडी दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी है और कई यात्रियों को पास के हरदा स्टेशन लाया गया है। डीआरएम आलोक कुमार ने बताया,’दुर्घटनाग्रस्त जनता एक्सप्रेस से 11 यात्रियों के और कामायनी एक्सप्रेस से एक यात्री के शव मिले हैं। शेष मृतकों के बारे में हम सुनिश्चित नहीं हैं कि वे ग्रामीण हैं अथवा कोई अन्य व्यक्ति हैं।’ डीआरएम ने साफ किया कि जनता एक्सप्रेस का इंजन और 7 डिब्बे और कामायनी एक्सप्रेस के 10 डिब्बे पटरी से उतरे हैं। इस तरह रेलवे के अनुसार, हादसे में दोनों रेलगाडियों के एक इंजन सहित 18 डिब्बे पटरी से उतरे हैं।
इस बीच, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रेल दुर्घटना को गंभीरता से लेते हुए अपना आज का उज्जैन दौरा रद्द कर दिया और राहत एवं बचाव कार्य से सभी संबंधित विभागों के मंत्रियों की अपने सरकारी निवास पर आपात बैठक करने के बाद खुद भी वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार, राज्य शासन के मुख्य सचिव एंटोनी डिसा और पुलिस महानिदेशक सुरेन्द्र सिंह के साथ दुर्घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने भी दुर्घटना में मारे गए यात्रियों के परिवार के लिए दो-दो लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए 50 हजार रुपये एवं मामूली तौर पर घायलों के लिए दस हजार रुपये की मदद की घोषणा की है। रेल प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दिए है। जांच का जिम्मा मुंबई में रेलवे सुरक्षा आयुक्त को सौंपा गया है। कामायनी एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे यात्रियों ने भोपाल में संवाददाताओं को बताया कि काली माचक नदी के पुल से पहले उन्हें जोरदार झटका-सा लगा और बोगी संख्या एस-4 के बाद की कई बोगियां पटरी से उतरकर नदी में जा गिरीं। इस गाड़ी का बहुत बड़ा हिस्सा पुल को पार कर चुका था, उसके बाद यह हादसा हुआ। कई यात्रियों ने पानी से निकलकर अपनी जान बचाई। इस गाड़ी के शेष हिस्से को वाराणसी की ओर रवाना कर दिया गया है। यात्रियों ने बताया कि घटनास्थल का नजारा ऐसा था कि मानो उनके चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी हो। एक यात्री ने बताया कि उसकी बोगी में भी कई फीट तक पानी भर गया था और वह किसी तरह अपनी जान बचा पाया है। उस बोगी में और भी कई यात्री थे, बाकी का क्या हुआ, इसकी उसे जानकारी नहीं है। बिहार में पटना स्थित राजेंद्र नगर टर्मिनल से मुम्बई जा रही जनता एक्सप्रेस का इंजन और दो डिब्बे भी ठीक इसी स्थान पर पटरी से उतरकर नदी में गिर गए। हादसे की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन, पुलिस और रेलवे का अमला घटनास्थल पर पहुंच चुका है, जिसके बाद राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं। राहत एवं बचाव कार्य में ग्रामीण भी सहयोग कर रहे हैं। पानी में डूबे डिब्बों में यात्रियों की तलाश की जा रही है। गोताखोर नदी के पानी में लापता यात्रियों की भी तलाश कर रहे हैं। स्वास्थ्य दल भी मौके पर पहुंच गए हैं। सेना के राहत एवं बचाव दल को भोपाल से घटनास्थल पर भेज दिया गया है।
हेल्पलाइन नंबर
हरदा: 9752460088 और 0780-2222052
इटारसी: 0757-22411920
भोपाल: 0755-4001609 और 09752460088
बीना: 0758-0222580
पटना रेलवे स्टेशन: 06122206967
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