11 गांव के 25 हजार किसानों ने राष्ट्रपति से मांगी मौत

तहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि, लखनऊ/मथुरा। 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन सामूहिक खुदकुशी करने के लिए मथुरा के 25 हजार किसानों ने प्रेजिडेंट प्रणब मुखर्जी से अनुमति मांगी है। इनकी शिकायत है कि 17 साल के लंबे संघर्ष के बावजूद सरकार ने इन्हें मुआवजा या मदद नहीं दी। वैसे दो दिन पहले ही व्यापम घोटाले से जुड़े 70 आरोपियों ने भी राष्ट्रपति से मौत की मांग की थी।
किसानों की शिकायत है कि 700 एकड़ जमीन पर बने गोकुल बैराज के निर्माण से पहले उनकी अनुमति नहीं ली गई थी। इसके लिए किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं। 1998 में गोकुल बैराज के दरवाजे एक टेस्ट के लिए बंद कर दिए गए और जमीन डूब गई थी। तब से अब तक 11 गांवों के ये किसान अपनी मांगों को लेकर लड़ रहे हैं।
आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ ने इन किसानों की समस्याएं उठाई थीं, लेकिन नवंबर, 2014 में उन्हें इसके लिए गोलियां खानी पड़ी थीं। संघ के राज्य सेक्रटरी कुंवर निषाद ने कहा, ‘इस साल फरवरी में किसान धरने पर बैठ गए। अधिकारियों ने एक महीने में समस्या सुलझाने का आश्वासन दिया, लेकिन यह पूरा नहीं हुआ।’ कोई भी उम्मीद न देखकर गांववालों ने भारतीय किसान संघ के बैनर तले शनिवार को राष्ट्रपति को एक पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की अनुमति की मांग की। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक 25 हजार किसानों को लगभग 800 करोड़ का मुआवजा दिया जाना है। मुद्दे को संसद में भी उठाया जा चुका है, लेकिन कोई हल नहीं निकला।
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