देश की आर्थिक स्थिति को ‘बूस्ट अप’ करने के लिए मोदी सरकार के 12 बड़े ऐलान

फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई है। उन्होंने अपनी बात की शुरुआत करते हुए कहा कि आज वह राहत पैकेज का ऐलान करने वाली हैं।

फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को धनतेरस के दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज वह राहत पैकेज का ऐलान करने वाली हैं। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस के एक्टिव केसों की संख्या 10 लाख से घटकर 4.8 लाख पर आ गई है। पिछले कुछ दिनों के दौरान कई पैकेज का ऐलान किया गया जिसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है।

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना

आज के राहत पैकेज का ऐलान करते हुए फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने आज प्रधानमंत्री भारत रोजगार योजना का ऐलान किया है। इसका मकसद नए रोजगार को प्रोत्साहन देना है। इसके तहत जो कंपनियां नए लोगों को रोजगार दे रही हैं यानी जो पहले से EPFO में कवर नहीं थें उन्हें इसका फायदा मिलेगा। इसका फायदा मंथली 15,000 रुपए से कम सैलरी वालों या 1 मार्च 2020 से लेकर 31 सितंबर 2020 के बीच नौकरी गंवाने वाले लोगों को इसका फायदा मिलेगा। यह स्कीम 1 अक्टूबर 2020 से लागू है।

EPFO के तहत रजिस्टर संस्थाएं अगर नई नौकरी देती हैं तो उन्हें फायदा होगा। किसी संस्था में 50 से कम कर्मचारी है और वह 2 से ज्यादा लोगों को नौकरी देती है उन्हें इसका लाभ मिलेगा। जिन कंपनियों में 50 से ज्यादा लोग काम करते हैं उन्हें कम से कम 5 लोगों को नियुक्त करने पर इस स्कीम का फायदा मिलेगी। 30 जून 2021 तक लागू रहेगी। इसका फायदा सिर्फ उन्हीं संस्थाओं को मिलेगा जो EPFO में रजिस्टर हों।

जिन कंपनियों में 1000 से कम कर्मचारी हैं उनके बेसिक का 12 फीसदी कर्मचारी का और 12 फीसदी कंपनी का हिस्सा सरकार देगी। जिन कंपनी में 1000 से ज्यादा कर्मचारी होंगे वहां सिर्फ कर्मचारियों के हिस्से का 12 फीसदी सरकार देगी। इसके लिए आधार के साथ कर्मचारियों को EPFO अकाउंट खुलेगा। इसके तहत 2 साल तक पैसा आएगा। 95 फीसदी कर्मचारियों को इसका फायदा होगा।

दूसरा ऐलान

ECLGS (इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम) का फायदा अब 31 मार्च 2021 तक कर दिया गया है। इसके तहत बिना ब्याज का लोन मिलेगा। मुद्रा लोन के तहत लोन लेने वाले लोग भी इसमें शामिल हैं। अब तक 61 लाख लोगों को 2.5 लाख करोड़ लोन पास किया गया है।

तीसरा ऐलान

ECLGS 2.0 में ब्याज की दर की सीमा तय की गई थी। इसमें किसी तरह की कोई गारंटी नहीं ली गई थी। 26 सेक्टर के लिए स्ट्रेस लोन सपोर्ट दिया गया है। इन सेक्टर्स के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम लागू की गई है।

प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव्स (PLI) के लिए 10 चैंपियन सेक्टर को चुना गया है। इसके पहले 3 सेक्टर को चुना गया था। इसमें 51,000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। PLI के तहत अगले 5 सालों में 1.46 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया जाएगा। 57,000 करोड़ रुपए की मैक्सिमम इंसेंटिव्स हासिल करने वाले सेक्टर्स में ऑटो कंपोनेंट्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर्स हो सकते हैं। इसके अलावा जिन सेक्टर्स को इसका फायदा होगा उनमें एडवांस सेल केमिस्ट्री, बैटरी, फार्मा, फूड प्रोडक्ट्स और व्हाइट गुड्स शामिल हैं।

पीएम आवास योजना (शहरी) के तहत 18,000 करोड़ रुपए की मदद दी जाएगी। यह रकम बजट में तय रकम से अलग है। बजट में 8000 करोड़ रुपए खर्च का प्रावधान था। इससे 12 लाख घरों को बनाने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य है। पीएम चाहते हैं कि 2022 तक हर गरीब के पास पक्का मकान हो। इससे आम लोगों को घर मिलेगा दूसरी तरह रियल एस्टेट सेक्टर्स और इससे जुड़े दूसरे सेक्टर्स को भी इसका फायदा होगा।

पांचवां ऐलान

कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की कंपनियों को पूंजी और बैंक गारंटी की दिक्कत आती थी। बैंक गारंटी के लिए इन्हें 10 फीसदी की परफॉर्मेंस सिक्योरिटी देनी पड़ती थी अब कम देनी होगी। अब इसे घटाकर 3 फसदी कर दिया गया है ताकि उनके पास काम करने लायक पैसा हो। इसका फायदा उन कंपनियों को मिलेगा जिनके प्रोजक्ट पर कोई केस ना हो। यह स्कीम 31 दिसंबर 2021 तक लागू रहेगा।

छठा ऐलान

निर्मला सीतारमण ने यह ऐलान इनकम टैक्स रिलीफ के तौर पर की है। हाउसिंग के क्षेत्र में यह फायदा घर बनाने वाले और खरीदने वाले दोनों को मिलेगी। पहली बार घर बेचने में पहले जहां सर्किल रेट और वैल्यू रेट में 10 फीसदी की छूट को बढ़ाकर अब 20 फीसदी कर दिया गया है। यानी प्रॉपर्टी की वैल्यू गिरने के बावजूद अगर कोई घर सर्किल रेट के कारण नहीं बिक पा रहा था तो अब वहां 20 फीसदी की छूट दी गई है। ताकि घर बिके और लोग रजिस्ट्री भी करवा सके। यह स्कीम 30 जून 2021 तक लागू होगी।

सातवां ऐलान

इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए डेट फाइनेंसिंग का प्रावधान किया गया है। इसके लिए सरकार 6000 करोड़ रुपए की मदद करेगी। NIIF 1.10 लाख करोड़ लोन देगा जिसमें सरकार के 6000 करोड़ रुपए भी शामिल हैं। इसमें कुल लोन बुक 8000 करोड़ रुपए की है। डील पाइपलाइन 10,000 करोड़ की है।

आठवां ऐलान

सरकार ने किसानों के लिए फर्टिलाइजर सब्सिडी का ऐलान किया है। सरकार ने फर्टिलाइजर सब्सिडी के लिए 65,000 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है। ताकि किसानों को आसानी से फर्टिलाइजर मिल सके। इससे 14 करोड़ किसानों को फायदा होगा।

नौंवां ऐलान

पीएम गरीब कल्याण रोजगार योजना में 116 जिलों के प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य में रोजगार देने का ऐलान किया गया था। मजदूरों के लिए 211 दिनों के लिए रोजगार का इंतजाम किया गया। इसपर लिए 37543 करोड़ रुपए खर्च किया गया है। यह स्कीम 31 अक्टूबर 2020 तक थी। पहले इस योजना पर 1.10 लाख करोड़ खर्च करने का प्रावधान था। अब सरकार ने इसमें 10,000 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है।

दसवां ऐलान

3000 करोड़ रुपए EXIM Bank को दिया जाएगा।
लाइन ऑफ क्रेडिट (LOC) बढ़ने से कंपनियों को फायदा होगा।

ग्यारहवां ऐलान

इंडस्ट्री को प्रोत्साहन देने के लिए ग्रीन एनर्जी या डोमेस्टिक डिफेंस कंपनियों को पूंजीगत व्यय करने के लिए 10200 करोड़ रुपए का आवंटन करने का ऐलान किया गया है ताकि घरेलू प्रोडक्शन को बढ़ावा दिया जा सके।

बारहवां ऐलान

कोरोनावायरस सेक्टर में रिसर्च करने वाली कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए 900 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया गया गया है। यह रकम वैक्सीन बनाने वाली नहीं बल्कि जो कंपनियां रिसर्च कर रही हैं उन्हें दिया जाएगा। इसका फायदा बायो टेक्नोलॉजी की कंपनियों को मिलेगा।

पहले के ऐलान का असर

निर्मला सीतारमण ने कहा कि 23 अक्टूबर तक बैंक क्रेडिट पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले 5.1 फीसदी बढ़ा। पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले इस साल अक्टूबर में GST कलेक्शन 10 फीसदी बढ़ा। वहीं बिजली की खपत में भी इजाफा हुआ है। पिछले साल अक्टूबर के मुताबिक, इस साल बिजली की खपत में 12 फीसदी की तेजी आई है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 560 अरब डॉलर है जो अपने आप में रिकॉर्ड है। इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में RBI ने ग्रोथ का अनुमान बढ़ा दिया है।

आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत कोशिश थी कि One Nation One Ration Card शुरू किया गया था। 1 सितंबर से 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने यह लागू कर दिया है। यानी अब देश के किसी भी देश के मजदूर किसी भी जगह से राशन ले सकते हैं।

स्ट्रीट वेंडर के लिए अब तक 13.8 लाख लोन मंजूर किए गए हैं। यानी इतने लोगों को लोन मिला है। इन्हें कुल मिलाकर लगभग 13 करोड़ रुपए का लोन बांटा गया है।

देश के 2.5 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड का फायदा हुआ। इसके जरिए उन्हें लोन मिला है।

ECS (Emergency credit scheme) के तहत 2 लाख करोड़ रुपए के लोन का ऐलान हुआ। इस स्कीम को पहले MSMEs के लिए लॉन्च किया गया था लेकिन बाद में इसका फायदा दूसरे लोगों को भी हुआ। इस स्कीम के तहत करीब 1.52 लाख करोड़ रुपए का लोन बांटा गया है। 11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 3621 करोड़ रुपए का लोन बिना ब्याज के दिया गया है।

आत्मनिर्भर भारत योजना 2.0 की घोषणा 12 अक्टूबर को की गई थी। इस दौरान एडवांस देने का ऐलान किया गया ताकि लोगों के पास खर्च करने लायक ज्यादा पैसे रहे। हालांकि यह पैसा लोन की तरह है और उन्हें यह लौटाना होगा।

 

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