17 गाइडलाइंस और ढेरों NOC से मीट कारोबारियों में मचा हड़कंप

लखनऊ/आगरा। यूपी में अवैध बूचड़खानों के खिलाफ चल रही कार्रवाई के बीच मीट का कारोबार करना आने वाले वक्त में काफी मुश्किल होने जा रहा है। इस संबंध में जारी प्रशासन की ताजा गाइडलाइंस से मीट कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है। मीट को इंसुलेटेड फ्रीजर वैन में ढोना, मीट कारोबार से जुड़े सभी वर्करों का अनिवार्य हेल्थ सर्टिफिकेट, मीट की दुकानों की धार्मिक स्थलों और सब्जी की दुकानों पर पर्याप्त दूरी, ऐसे कई मानक हैं, जिनकी जानकारी हाल ही में यूपी सरकार ने मीट दुकानदारों को भेजी है। सरकारी गाइडलाइंस के मुताबिक, इन दुकानों को बहुत सारा कागजी काम भी निपटाना होगा। कारोबार से जुड़े लोगों का मानना है कि मीट बेचने के लिए जरूरी ढांचागत सुविधाओं की लिस्ट इतनी लंबी-चौड़ी है कि अधिकतर दुकानों के लिए इसका पालन मुमकिन नहीं और वे स्थाई तौर पर बंद हो जाएंगे।

हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि यूपी में मीट बेचने से जुड़े नियम-कायदों में कोई नया बदलाव नहीं किया गया है। एक सीनियर अफसर ने कहा, ‘नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जारी आदेशों का सख्ती से पालन हो रहा है। अभी तक यह कारोबार बिना नियम-कायदों के चल रहा था। हमने तो बस स्थापित कानूनों का पालन करवा रहे हैं।’

1. मीट की दुकानों से कहा गया है कि वे धार्मिक स्थलों की परिधि से 50 मीटर की दूरी पर रहें। यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनकी दुकानें ऐसे स्थलों के मुख्य द्वार से कम से कम 100 मीटर दूर हों।

2. उनकी दुकानें सब्जी की दुकानों के पास नहीं होनी चाहिए।

3. दुकानदार जानवरों या पक्षियों को दुकान के अंदर नहीं काट सकते।

4. मीट की दुकानों पर काम करने वाले सभी लोगों को सरकारी डॉक्टर से हेल्थ सर्टिफिकेट लेना होगा।

5. मीट की क्वॉलिटी को किसी पशु डॉक्टर से प्रमाणित कराना होगा।

6. शहरी इलाकों में लाइसेंस पाने के लिए आवेदकों को पहले सर्किल ऑफिसर और नगर निगम की इजाजत लेनी होगी। फिर फूड सेफ्टी एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन से एनओसी लेनी होगी।

7. ग्रामीण इलाकों में मीट दुकानदारों को ग्राम पंचायत, सर्किल अफसर और एफएसडीए से एनओसी लेनी होगी।

8. मीट के दुकानदारों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे बीमार या प्रेगनेंट जानवरों को न काटें।

9. मीट के दुकानदारों को हर छह महीने पर अपनी दुकान की सफेदी करानी होगी।

10. उनके चाकू और दूसरे धारदार हथियार स्टील के बने होने चाहिए।

11. मीट की दुकानों में कूड़े के निपटारे के लिए समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।

12. बूचड़खानों से खरीदे जाने वाले मीट का पूरा हिसाब-किताब भी रखना होगा।

13. मीट को इंसुलेटेड फ्रीजर वाली गाड़ियों में ही बूचड़खानों से ढोया जाए।

14. मीट को जिस फ्रिज में रखा जाए, उसके दरवाजे पारदर्शी होने चाहिए।

15. सभी मीट की दुकानों पर गीजर भी होना आवश्यक है।

16. दुकानों के बाहर पर्दे या गहरे रंग के ग्लास की भी व्यवस्था हो ताकि जनता को नजर न आए।

17. एफएसडीए के किसी मानक का उल्लंघन होते ही लाइसेंस तुरंत रद्द कर दिया जाएगा।

सरकार के इस नोटिफिकेशन की मीट विक्रेता जमकर आलोचना कर रहे हैं। सर्वदलीय मुस्लिम संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमीलउद्दीन कुरैशी ने कहा कि इन नियमों की वजह से करीब 60 फीसदी दुकानें बंद हो जाएंगी। उन्होंने मांग की है कि इन गाइडलाइंस से संबंधिक इजाजत लेने के लिए सिंगल विंडो बनाई जाए। कुरैशी ने कहा, ‘सरकारी की कार्रवाई की वजह से दुकानदारों को वैसे ही बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। हम मांग करते हैं कि सरकार न केवल नई गाइडलाइंस जारी करे, बल्कि नए लाइसेंस भी जारी करना शुरू करे।’

मीट की दुकान चलाने वाले मोहम्मद रफीक कुरैशी ने कहा, ‘नए नियम बेहद सख्त हैं और इसकी वजह से बहुत सारे लोग यह पेश छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे। अधिकारी बहुत सारे एनओसी लेने कह रहे हैं। नए लाइसेंस पाने के लिए फीस को लेकर स्थिति भी साफ नहीं है।’ व्यवस्था को लेकर भी कुछ समस्याएं आ रही हैं। उदाहरण के तौर पर फिरोजाबाद जिले में एक भी बूचड़खाना नहीं है, जहां से दुकानदार मीट खरीद सकें। म्युनिसिपल कमिश्नर प्रमोद कुमार ने कहा, ‘यहां एक भी बूचड़खाना नहीं है और हम अस्थाई लाइसेंस नहीं देते। इस बीच, मीट की दुकानों को कारोबार करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।’

 

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