जल उठा बनारस, काशी में संतो पर फिर बरसी लाठियां

*शांतिपूर्वक प्रतिकार यात्रा में आराजकतत्वों ने मारी बाजी ,आगजनी,हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल
* एसएसपी ने कहा मामला नियंत्रण में ,अफवाहों से बचे लोग
वाराणसी। साधु-संतों की प्रतिकार यात्रा के दौरान हुई हिंसक झड़प के बाद पुलिस ने शहर के चार पुलिस स्टेशनों के तहत आने वाले पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया है। जिन पुलिस स्टेशनों में कर्फ्यू लगाया गया है उनमें कोतवाली, दशाश्वमेध, लक्सा और चौक शामिल हैं। गोदौलिया, गिरजाघर, चौक, दशाश्वमेधघाट मार्ग, मदनपुर और बांस फाटक जैसे इलाकों में बैरिकेडिंग कर लोगों को जाने से रोका जा रहा है। पुलिस ने शहर के लोगों से घर में ही रहने की अपील भी की है। उधर, पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच अब भी पथराव-फायरिंग जारी है। इस दौरान साधु-संतों के साथ-साथ आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। कवरेज के दौरान कुछ पत्रकारों को भी चोटें आई हैं।
मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए लाठीचार्ज का विरोध
पिछले दिनों मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए लाठीचार्ज के विरोध में सोमवार को प्रतिकार यात्रा निकाली जा रही थी। इसमें हजारों लोग मौजूद थे। जुलूस के गोदौलिया पहुंचते ही कुछ अराजक तत्वों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। पुलिस की जीप और 4 बाइकाें में आग लगा दी। मामला बढ़ता देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस लगातार आंसू गैस के गोले और रबर बुलेट से फायरिंग करती रही। पुलिस ने एक दर्जन से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।
प्रशासन सोशल मीडिया पर रख रहा नजर
कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि यात्रा के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने शांति और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की। शहर में अमन-चैन बनाए रखने के लिए कर्फ्यू लगाया गया है। उन्होंने शहरवासियों से किसी भी प्रकार की अफवाहों में न आने की अपील की है। फिलहाल, स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया, वेबसाइट, व्हॉट्सएप और फेसबुक पर प्रशासन निगरानी रख रहा है। यदि इन माध्यमों से किसी भी प्रकार की कोई गलत सूचना या अफवाह फैलाई जाती है तो ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि यात्रा के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने शांति और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की। शहर में अमन-चैन बनाए रखने के लिए कर्फ्यू लगाया गया है। उन्होंने शहरवासियों से किसी भी प्रकार की अफवाहों में न आने की अपील की है। फिलहाल, स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया, वेबसाइट, व्हॉट्सएप और फेसबुक पर प्रशासन निगरानी रख रहा है। यदि इन माध्यमों से किसी भी प्रकार की कोई गलत सूचना या अफवाह फैलाई जाती है तो ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
देशभर के साधु-संत प्रतिकार यात्रा में शामिल
प्रतिकार यात्रा में देशभर के साधु-संतों के साथ ही साध्वी प्राची और चक्रपाणि महाराज भी शामिल थे। इस दौरान साध्वी प्राची ने कहा कि प्रशासन ने मूर्ति विसर्जन को लेकर रास्ता नहीं निकाला। साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक सीएम अखिलेश खुद साधु-संतों पर हुए लाठीचार्ज के लिए माफी नहीं मांगते तब तक आंदोलन चलता रहेगा। दादरी मामले को लेकर उन्होंने कहा कि एक तरफ काशी में संतों पर लाठियां बरसाई जाती हैं और दूसरी तरह सीएम गाय काटने वालों को 45 लाख रुपए देते हैं। साध्वी प्राची विश्व हिंदू परिषद से ताल्लुक रखती हैं।
चक्रपाणि महाराज ने कहा-गोली खाने आया हूं काशी
चक्रपाणि महराज ने कहा कि सभी संत गोली खाने काशी पहुंचे हैं। अयोध्या, मथुरा, दिल्ली, महाराष्ट्र से भी साधु यहां आए हैं।
अविमुक्तेश्वरानंद की अपील पर निकाली गई यात्रा
बता दें कि प्रतिकार यात्रा अविमुक्तेश्वरानंद की अपील पर निकाली गई थी। प्रतिकार यात्रा निकलने का रूट टाउनहॉल से मैदागिन चौराहा से गुजरते हुए चौक और गोदौलिया चौराहा से दशाश्वमेध घाट तक तय किया गया था। अविमुक्तेश्वरानंद वाराणसी के विद्यामठ के स्वामी हैं और स्वामी स्वारूपानंद के प्रमुख शिष्य हैं।
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