2जी केस में सीबीआई को पड़ी फटकार पर सिब्बल-जेटली में जुबानी जंग

नई दिल्ली। 2002 के अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में सीबीआई को कोर्ट से पड़ी कड़ी फटकार से वित्त मंत्री अरुण जेटली और पूर्व टेलिकॉम मंत्री कपिल सिब्बल में जुबानी जंग छिड़ गई है।
सिब्बल ने जेटली को लेकर कहा कि वित्तमंत्री को फेसबुक-ट्विटर से ज्यादा मंत्रालय पर ध्यान देना चाहिए। सिब्बल ने जेटली के बयान के जवाब में कहा कि सीबीआई के काम में हस्तक्षेप जैसे आरोपों पर कहा कि वित्त मंत्री से ज्यादा सीबीआई को और कौन प्रभावित कर सकता है।
सिब्बल ने कहा कि यदि मित्र जेटली को कोई शंका है, तो वे सीबीआई से मेरी संलिप्तता को लेकर बात कर सकते हैं। सिब्बल ने यह भी कहा कि मुझे सबकुछ अखबार से पता चला।
एक विशेष अदालत ने जांच एजेंसी द्वारा दायर आरोप-पत्र ‘मनगढ़ंत तथ्यों’ से भरा करार देते हुए मामले को खारिज कर दिया।
जेटली ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि एक ईमानदार नौकरशाह और अन्य लोगों के खिलाफ मनगढ़ंत आरोपों के लिए अधिकारी निश्चित तौर पर दोषी हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह आरोप पत्र संप्रग सरकार में दूरसंचार मंत्री श्री कपिल सिब्बल की ओर से दायर किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘जब दूरसंचार क्षेत्र घोटालों से परेशान था तब श्री कपिल सिब्बल ने अपनी पसंद के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश का चयन किया और उनसे कहा कि वह दूरसंचार में ‘राजग के घोटाले’ का खुलासा करें।’
वित्त मंत्री ने कहा कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश की राय थी कि अतिरिक्त स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए ‘स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क’ तय करने में कुछ मनमानी हो सकती है।
उन्होंने कहा, ‘एक बेहतरीन और ईमानदार नौकरशाह श्यामल घोष के खिलाफ नहीं टिकने वाला आरोप पत्र दायर किया गया। स्वर्गीय प्रमोद महाजन को कॉलम-2 में मृत आरोपी के तौर पर शामिल करके एनडीए सरकार पर निशाना साधने का विचार था।’
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