2 माह में- 56 ड़कैती, 833 लूट, 795 हत्या, 771 बलात्कार के साथ यूपी 5 साल के अपराधिक शिखर पर !

लखनऊ। कानून-व्यवस्था के नाम पर पूर्ववर्ती सरकार को घेरकर करीब दो महीने पहले नये तेवर के साथ सत्ता में आई योगी आदित्यनाथ सरकार के सामने यही मुद्दा सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है, योगी आदित्यनाथ सरकार अपने शुरुआती 100 दिनों के कार्यकाल का ‘रिपोर्ट कार्ड’ अगले महीने के अंत में जारी करेंगे मगर बिगड़ी कानून-व्यवस्था को पटरी पर लाना सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है, क्योंकि सरकारी आंकड़े के अनुसार यूपी में पिछले 2 माह के अंदर – 56 ड़कैती,833 लूट,795 हत्या और 771 बलात्कार के साथ यूपी पिछले 5 साल के अपने अपराधिक शिखर पर पहुँच गया है जिससे पूरा प्रदेश दलह उठा है ।

हालाँकि प्रदेश भाजपा ने प्रदेश में बढ़ें अपराधों और बदहाल कानून व्यवस्था पर आँख बंदकर अपनी पार्टी और सरकार का बचाव करते हुये कहा है कि योगी सरकार बनने के बाद से प्रदेश की तस्वीर में बदलाव शुरू हो चुका है, गुंडागर्दी खत्म हो रही है और अपराध का ग्राफ गिर रहा है , सरकार में जनता का विश्वास बहाल हो रहा है । मगर सहारनपुर में जातीय संघर्ष, बुलन्दशहर, सम्भल और गोंडा में हाल में हुई साम्प्रदायिक घटनाओं ने सरकार के लिये चिंता खड़ी कर दी है, ज्यादा चिंता की बात यह है कि इन वारदात में भाजपा और तथाकथित हिन्दूवादी संगठनों के लोगों की संलिप्तता के आरोप लगे हैं ।

मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) समेत तमाम विपक्षी दल उस भाजपा सरकार को कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर घेर रहे हैं, जो इसी मसले पर पूर्ववर्ती सपा सरकार की आलोचना करके सत्ता में आई है, बुलंदशहर में एक लड़की को साथ ले जाने की घटना में अल्पसंख्यक समुदाय के एक व्यक्ति की हत्या मामले में योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगा है । हालांकि योगी हिन्दू वाहिनी सदस्यों को कानून हाथ में ना लेने के लिये चेतावनी दे चुके हैं, सहारनपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से क्षेत्रीय सांसद राघव लखनपाल शर्मा की अगुवाई में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के घर पर हमला किया, इस मामले में विपक्ष सांसद की गिरफ्तारी की मांग कर रहा है ।

प्रदेश में अपराध का ग्राफ चढ़ने से चिन्तित मुख्यमंत्री योगी ने एक विशेष प्रकोष्ठ गठित करने का फैसला किया, योगी खुद इसकी निगरानी करेंगे, हालांकि योगी ने मुख्यमंत्री बनते ही प्रदेश की नौकरशाही को सुधारने का कड़ा संदेश दिया था पर स्थ्तियाँ सुधरने की जगह विकराल रूप ले चुकी हैं । पिछले 2 माह के अंदर प्रदेश में हुये अपराधों के सरकारी आंकड़ें बता रहे हैं कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ठप है और अपराधियों के बढ़े हुये हौसलों से आम आदमी के अंदर ड़र और भय व्याप्त है ।

 

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