मुस्लिम धर्मगुरु का दावा, गोमांस के सख्त खिलाफ थे पैगंबर मोहम्मद साहब

नई दिल्ली। बीफ को लेकर इस वक्त पूरे मुल्क में जमकर सियासत हो रही है। दादरी में अखलाक और हिमाचल में एक और शख्स की हत्या की वजह से बीफ पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। गोमांस पर मचे सियासी घमासान के बीच जम्मू-कश्मीर के निर्दलीय विधायक इंजीनियर राशिद ने बीफ पार्टी का आयोजन कर इस सिसायत को और हवा दी। लेकिन इस बीच ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य राशिद फिरंगी महली ने साफ कर दिया है कि पैगंबर साहब भी गोमांस के सख्त खिलाफ थे।
दरअसल, लखनऊ विश्वविद्लाय के छात्रों के एक कार्यक्रम के आयोजन में खालिद रशीद फिरंगी महली भी पहुंचे थे। वहां पहुंचे लोगों ने बीफ पर हो रही सियासत को लेकर चिंता जताई। उस मौके पर वक्ताओं ने साफ किया कि गोमांस को लेकर इस्लाम में राय बहुत साफ है।
कुछ लोग गोमांस और इस्लाम को जोड़कर नफरत की राजनीति को हवा दे रहे हैं। सुन्नी धर्म गुरु खालिद रशीद फिरंगी महली ने साफ किया इस्लाम में इस बात की ताकीद की गई है कि दूसरों के मजहबी भावनाओं और आस्था का ख्याल रखा जाना चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि साढ़े चौदह सौ साल पहले पैगंबर साहब ने गाय को लेकर अपनी राय रखी थी और कहा था कि गोमांस में ऐब है।
रशीद फिरंगी महली ने आगे कहा है कि आजादी के पहले जब अंग्रेज बांटो और राज करो की नीति पर चल रह थे उस वक्त महात्मा गांधी लखनऊ आए थे और फिरंगी महल में रुके थे। गांधी जी ने उसी वक्त हिंदी मुस्लिम भाई-भाई का नारा दिया था। फिरंगी महली ने बताया कि जब गांधी जी फिरंगी महल में रुकते थे तो उनके सम्मान में पूरे इलाके में गोश्त नहीं खाते थे।
गोमांस से हिंदुओं की जुड़ी आस्था को लेकर वो कहते हैं कि बाबर ने भी अपने बेटे हुमांयू को साफ तौर पर कहा था कि अगर हिंदुस्तान में लंबे समय तक राज करना है तो गाय को काटने पर रोक लगाना चाहिए। खालिद रशीद फिरंगी महली ने दोहराया कि गोमांस को लेकर एक तरह से भ्रम फैलाया जा रहा है जिससे पूरी दुनिया में हिंदुस्तान की बदनामी हो रही है।
आपको बता दें कि नोएडा के बिसाहड़ा में गोमांस की अफवाह के बाद हिमाचल मैं भी गोकशी के लिए गाय को ले जाने के शक में एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इन दोनों घटनाओं के बाद पैगंबर साहब की नसीहत को नजरअंदाज करते हुए कई जगहों पर बीफ पार्टी का आयोजन किया गया। इसको लेकर कश्मीर विधानसभा में बवाल भी हुआ।
बीफ पार्टी करने वाले जम्मू-कश्मीर के निर्दलीय विधायक जब दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस करने पहुंचे तो उनके मुहं पर कालिख तक पोत दी गई। सवाल फिर वही कि अगर इस्लाम में गोकशी गुनाह है तो फिर गोमांस को लेकर इस तरह की राजनीति क्यों हो रही है। क्यों कुछ सिसायतदां गोमांस की आड़ में अपनी सियासी रोटी सेंकने में लगे हुए हैं। मौलाना फिरंगी महली साफ तौर पर कहते हैं कि सिसासी जमात के लोग सदियों से चले आ रहे गंगा जमुनी तहजीब को मिटाकर पोलराइजेशन की राजनीति कर रहे हैं।
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