2018: अदालत पर रहेंगी निगाहें, ये फैसले बदल देंगे तस्वीर!

नई दिल्ली। देश में अदालत को न्याय का मंदिर कहा जाता है. अपने फैसलों से समय समय पर देश की अदालतों ने साबित भी किया है. साल 2017 में देश की अदालतों से कई ऐसे फैसले आए जिन्होंने सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था को नई परिभाषा दी. साल 2018 में भी कई अहम राजनीतिक बदलाव होंगे. इसके अलावा अदालतों से ऐसे बड़े फैसले भी सामने आएंगे जिनसे राजनीति से लेकर देश की दशा-दिशा तक बदल जाएगी.

2018 में आएगा सबसे बड़ा फैसला
2018 में देश का सबसे बड़ा फैसला आने वाला है. ये फैसला है रामजन्म भूमि विवाद का. 8 फरवरी से सुप्रीम कोर्ट रोजाना इस पर सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट में 5 दिसंबर को सुनवाई शुरू हुई थी लेकिन मुस्लिम पक्षकारों के वकील कपिल सिब्बल और कुछ दूसरे वकीलों ने दस्तावेजों का अनुवाद पूरा न होने की दलील दी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 8 फरवरी तक के लिए टाल दी थी.

30 सितंबर 2010 को अयोध्या राम मंदिर मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आया था. हाई कोर्ट ने विवादित जगह पर मस्ज़िद से पहले हिन्दू मंदिर होने की बात मानी थी. हाईकोर्ट ने विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांट दिया था. एक हिस्सा रामलला विराजमान दूसरा हिस्सा निर्मोही अखाड़ा और तीसरा हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच 3 बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था. जिसके खिलाफ सभी पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए.

अंतर्राष्ट्रीय अदालत में कुलभूषण जाधव पर फैसला
पाकिस्तान की जेल में झूठे आरोपों में मौत की सजा पाए देश के सपूत कुलभूषण जाधव के लिए नए साल का पहला हफ्ता बेहद अहम है. कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तानी की ज्यादती के खिलाफ भारत अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में केस लड़ रहा है, जहां पर जनवरी में ही सुनवाई होनी है.

पाकिस्तान ने 3 मार्च 2016 को कुलभूषण जाधव को जासूसी के झूठे आरोपों में गिरफ्तार किया था. 10 अप्रैल को पाकिस्तान ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी, जिसे पर 18 मई को अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने रोक लगा दी थी.

हाल ही में पाकिस्तान ने जाधव से उनकी मां और पत्नी की इस्लामाबाद में मुलाकात करवाई. लेकिन मुलाकात के लिए जो तरीका पाकिस्तान ने अपनाया वो बेहद ही अपमानजनक था.

लालू को कितने साल की सजा ?
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के लिए सबसे अहम सवाल यही है कि उन्हें कितने साल की सज़ा मिलेगी. चारा घोटाले के एक और केस में दोषी करार दिए गए लालू के लिए 3 जनवरी की तारीख अहम है. रांची की जेल में बंद लालू यादव 3 तारीख का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि इसी दिन उनके खिलाफ सजा का एलान होगा.

23 दिसंबर को रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने लालू यादव को चाईंबासा कोषागार से 89 लाख रुपये के गबन का दोषी पाया. ये केस भी चारा घोटाले के कई केसों में एक है.

950 करोड़ के चारा घोटाले के एक केस में लालू यादव को साल 2013 में 5 साल की सजा मिल चुकी है. जिसकी वजह से उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगी हुई है. उस केस में लालू यादव को जमानत मिली हुई है.

आधार कार्ड का क्या होगा ?
आधार कार्ड की वैधता पर भी जनवरी में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ इस केस की सुनवाई कर रही है. अगस्त 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने निजता को मौलिक अधिकार बताया था. आधार योजना को चुनौती देने वालों की दलील है कि आधार कार्ड के लिए बायोमेट्रिक जानकारी लेना निजता के अधिकार का उल्लंघन है.

केरल लव जिहाद केस पर आएगा फैसला
केरल लव जिहाद केस में भी सुप्रीम कोर्ट में साल 2018 में फैसला आएगा. केरल की रहने वाली हदिया उर्फ अखिला के पिता का आरोप है कि उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया. फिर साजिश के तहत उसकी शादी मुस्लिम लड़के शफीन जहान से की गई. 25 मई को हाईकोर्ट ने हदिया और शफीन का निकाह रद्द कर दिया था.

NIA ने इस शादी को जिहादी तत्वों की बड़ी साजिश का एक हिस्सा बताया है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने हदिया को पढ़ाई पूरी करने के लिए कॉलेज वापस भेज दिया है. अब सुप्रीम कोर्ट से हदिया-शफीन की शादी की वैधता पर फैसला आना है.

 

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