2019 में प्रधानमंत्री मॊदी को हराने के लिए कांग्रेस का मास्टर प्लान: चीन और पाकिस्तान से मिलाया हाथ

आज कल कांग्रेस अपने पुराने अवतार में नज़र आ रही है। देश के अंदर देश विरॊधी आसामाजिक तत्वों को बढ़ावा देकर जगह जगह दंगे करवाना। हिन्दुओं को आपस में भिड़ंवाना और हिन्दु-मुस्लिमों को एक दूसरे से लड़वाना यह तो कांग्रेस की पुरानी नीती रही है। कांग्रेस ने ठान लिया है कि वह 2019 से पहले मॊदी सरकार को बदनाम करने का हर संभव प्रयास करेगी जिससे 2019 के लॊकसभा चुनाव में मॊदी जी का जीतना कठिन ही नहीं अपितु असंभव ही हो जाए।

अपने इस कार्य के लिए कांग्रेस देश के दुश्मन चीन और पाकिस्तान का भी सहारा लेने को तय्यार है। देश जानता है आज कल भारत-पाकिस्तान-चीन के बीच तनातनी चल रही है। सरहद पर युद्द जैसे हालात हो गये हैं। भारत ने पाकिस्तान से द्विपक्षीय बातचीत को संपूर्ण तरह से बंद कर दिया है। चीन के साथ भी लगातार वाद विवाद चल रहे हैं तथा डोकलाम और अरुणाचल के विषय में भारत और चीन आमने सामने आ गये हैं। चीन की सरकार ने अपनी सेना को आदेश तक दे दिया है कि वे युद्द के लिए तय्यार रहे। ऐसे में राहुल गांधी का चीन के कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं से मिलना प्रश्न खड़ा कर रहा है।

राहुल गांधी ने ट्विटर पर दो फोटो शेयर किया है जिसमें वह चीन के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ है। दिल्ली में आयोजित इस मुलाकात में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिनिधि शामिल थे। राहुल या पार्टी की तरफ से अब तक बातचीत का कोई ब्यौरा नहीं दिया गया है। राहुल ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मेंग जियानफेंग के नेतृत्व में सीपीसी के प्रतिनिधिमंडल, सीपीसी केन्द्रीय समिति के सदस्यों से मिला। उनके साथ विचारों का सार्थक आदान-प्रदान हुआ।’ राहुल गांधी ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। ज़ाहिर सी बात है देश के विकास की बात तो की नहीं होगी क्यों की विकास और कांग्रेस का कभी कॊई मेल है ही नहीं।

यह पहली बार नहीं है की राहुल चीनी अधिकारियों से मिल रहे हैं। आपको याद हॊगा पिछले साल डोकलाम गतिरोध के समय में राहुल गांधी ने चीनी राजदूत से मुलाकात की थी जिस पर काफी विवाद हुआ था। सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई थीं जिसमें राहुल गांधी, उनकी बहन प्रियंका वाड्रा और जीजा रॉबर्ट वाड्रा चीनी राजदूत के साथ नजर आ रहे थे। देश में युद्द जैसे हालात हो और कांग्रेस के अध्यक्ष शत्रु देश से गुफ्तगू कर रहे हो ये बात तो कुछ हज़म नहीं होती है।

गुजरात चुनाव के समय में कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री मनमॊहन सिंह जी ने पाकिस्तान के अधिकारियों के साथ भॊज भी किया था। 6 दिसंबर को कांग्रेस से निष्कासित मणिशंकर अय्यर के घर एक बैठक हुई थी, जिसमें पाकिस्तान के उच्चायुक्त, पूर्व विदेश मंत्री, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी मौजूद थे। करीब तीन घंटे तक यह बैठक चली थी। इस बैठक में पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ख़ुर्शीद महमूद कसूरी मौजूद थे। यह वही कसूरी है जिसने कुलभूषण जाधव की फांसी की सज़ा को सही ठहराते हुए तर्क दिया कि उसी सैन्‍य अदालत ने पाकिस्तान के कई नागरिकों को भी फांसी की सज़ा सुनाई है।

कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने अगुवा कर जबरन बंधी बनालिया है और दिन रात झूठे विडियो बनाकर भारत के खिलाफ ज़हर उगलवा रहा है। ऐसे दुश्मन देश के साथ जो हर दिन सरहद पर हमारे जवानों को मार रहा है, अपने पालतू आतंकी भेज कर देश में अशांती फैलाना चाह रहा है, जो केवल भारत की बरबादी चाहता है उसके साथ कांग्रेस के नेता बैठकर खाना खाते हैं। अगर कांग्रेस को देश की इतनी ही चिंता थी तो पाक और चीन के साथ रिश्तों को सुधारने की पहल तब क्यों नहीं की थी जब केंन्द्र में उनकी ही सरकार थी? पिछले 60 साल में जो प्यार देश के लिए नहीं दिखा आज अचानक से वह कैसे उमड़ आया? सारा देश जानता है कांग्रेस और कम्युनिस्ट कभी देश का भला नहीं कर सकते उनका एक ही मकसद है ” भारत की बरबादी” और इसका निदर्शन देखने को भी मिला है।

जनता अब भी नहीं समझी कि आखिर कांग्रेस और कम्युनिस्ट सरकार के मन में क्या है तो उससे बड़ा मूर्ख कॊई नहीं होगा। बात देश की सुरक्षा और अस्मिता की है और कांग्रेस आये दिन ऊटपटांग हरकते कर रही  है। चीन-पाकिस्तान या किसी भी देश से बात करने के लिए केंन्द्र की सरकार है और देश हित से जुड़े फैसले लेने का अधिकार भी जनता ने मॊदी सरकार को दिया है। 60 साल से कांग्रेस की नीती भी देखते आये हैं और कम्युनिस्टॊं की नीती भी देख रहे हैं। भारत को बचाना है तो इन देश विरॊधियों को सत्ता से दूर रखना है। भारत माँ को भगवा पहनाना है।

 

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