पुणे ट्राफिक पुलिस की कारवाई कानूनी दायरे के बाहर

पुणे ट्राफिक डी,सी.पी.ने सभी पुलिस कर्मियों व अधिकारियो को दिया टारगेट
टारगेट पूरा नहीं हुआ तो ट्राफिक पुलिस अधिकारियो को तबादले का भय
तहलका एक्सप्रेस, बेबाक रशीद सिद्दीकी
पुणे। पुणे शहर में हर सिग्नल के लेफ्ट बाजू में पुणे ट्राफिक पुलिस कर्मियों द्वारा हो रही कारवाई आप ने देखी होगी परन्तु इस मामले की पूरी हकीकत से हम आपको रूबारू कराने जा रहे है। पुणे शहर में कारवाई के नाम पर रोज़ लाखो की अवेध वसूली हो रही है। कानूनी सल्हाकारो का कहना है कि ट्राफिक पुलिस को सिग्नलों पर सिर्फ यातायात नियन्त्रण करने तथा ट्राफिक में सुधार लाने के लिए नियुक्त किया गया है किसी भी ट्राफिक पुलिस को यह अधिकार नहीं है कि सिग्नल में खडी किसी भी वाहन चालक से लाइसंस मांगने के बहाने उस पर कारवाई के नाम पर दंड वसूला जाय। कानून की सभी बरिकयो को समझने वाले एक व्यक्ति ने जानकारी देते हुए बताया कि ट्राफिक पुलिस को शहर के हर सिग्नल पर इसलिए तेनात किया गया है कि यदि कोई वाहन चालक सिग्नल तोड़ता है या झेब्रा क्रोसिंग की रेखा पार करता है उसके उपर बतोर फाईन कारवाई की जा सकती है परन्तु आज शहर की हालत इससे बिलकुल परे है बेबाक भारत टीम ने इस मामले को लेकर एक गुप्त ओपरेशन किया जहाँ हम शहर के सभी बड़े ट्राफिक अधिकारियो से मिले उनसे हमने ट्राफिक रूल्स के सभी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की कई पुलिस अधिकारियो ने दबी जुबान से इस बात को माना है कि भरी मात्रा में कारवाई के नाम पर अवेध वसूली हो रही है जबकि यह वसूली का सारा पैसा कोर्ट में जमा होता है इस पैसे से पुलिस विभाग का कोई संबंध नहीं है अब सवाल यह उठता है कि कारवाई के नाम पर जनता रोज़ लुट रही है उसका क्या ?
इस सवाल के जवाब को तलाशने में भी हमें ज्यादा वक़्त नहीं लगा पुणे ट्राफिक पुलिस डी.सी.पी.का मानना है की अगर में कारवाई करने के ढील अनपे पुलिस कर्मियों को दे दूँ तो यह ढंग से डियूटी नहीं करेंगे और मुझे कैसे मालूम होगा की कोन क्या कर रहा है एक खबर यह भी है कि डी.सी.पी.पहले डी.सी पी.की तुलना में यह साबित करना चाहते है की मेरे कर्येकाल में इतनी कारवाई की गयी कारवाई के नाम पर चल रही पुलिस की यह वसूली जनता हित में घातक साबित हो रही है आज आलम यह है की शहर के सभी बड़े सिग्नलों पर पुलिस यातायात नियन्त्रण करने की बजाय सिग्नल के लेफ्ट बाजू में कारवाई यानि कलम १३० के तहत १०० रूपये की पोती बनाने में व्यस्त रहती है शहर के जाने माने इम्प्रेस गार्डन वाले चोक पर ट्राफिक पुलिस की एक टीम रोजाना कारवाई करने लगी हुई है जबकि यह पूरी तरहां गैरकानूनी है जनता में इस बात को लेकर जागरूकता नहीं है कि जो हमारे साथ हो रहा है उसका अधिकार पुलिस को है भी या नहीं शहर के फारसखाना पुलिस ठाणे दगडू शेठ गणपति चोक का भी यही हाल है कि ट्राफिक पुलिस के तीन जवान आगे खड़े दो पहिया वाहनों की चाबी निकालकर पहले लाइसंस मांगते है फिर गाड़ी के पेपर फिर नंबर प्लेट यानि कुलमिलाकर उन्हें किसी भी हालत में अपना दंड वसूल करना है हलाकि यह अधिकर आर.टी.ओ.का है लेकिन जनता को इसकी जानकारी नहीं है न ही इस बात को लेकर जनता में जागृति है करी सूत्रों से मिली जानकारी के तहत आज की स्थिति में पुणे ट्राफिक डी.सी.पी.ने मार्किटिंग वालो की तरह अपने पुलिस कर्मियों को कम से कम एक सिग्नल पर १५० पोती कारवाही होना ही चाहिए इस प्रकार का टारगेट दिया है .
शहर में ट्राफिक पुलिस इंस्पेक्टर १७ कर्येरत है जो की ५ ट्राफिक ए.सी.पी. के अंडर में काम करते है करीबी सूत्रों से मिली जानकारी के तहत पूर्व ट्राफिक डी.सी.पी.के कर्येकाल में इतनी अँधेरा गर्दी नहीं थी न ही ट्राफिक पुलिस अधिकारियो प् इतना दबाव था आज ट्राफिक विभाग में काम कर रहे कर्मचारियों से लेकर अधिकारियो तक इतना दबाव बना हुआ है की अगर टारगेट पूरा नहीं हुआ तो पता नहीं हमारा तबादला कहा कर दिया जायगा पर कानून के सरे नियमो को ताख पर रखकर ट्राफिक पुलिस को वसूली पर लगा दिया है ट्राफिक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी मनोज पाटिल के कर्येकाल में ट्राफिक यातायात के दोरान होने वाली कारवाई के समय सिर्फ पुलिस पी.एस.आई. की मोजुदगी यानि पोती वाही बना सकता है एसा नियम लागू किया गया था उसके बाद ट्राफिक पुलिस सिपाही से लेकर हवालदार सभी पोती फाड़ते नज़र आने लगे जब लोगो ने इस मामले को लेकर वरिष्ठ अधिकारियो से मुलाक़ात की और पोती दिखाई तो उसपर ट्राफिक पुलिस पी,एस.आई. के हस्ताक्षर थे यानि ट्राफिक पुलिस उप निरीक्षक ने पहले ही साईंन करके पोती पुस्तक ट्राफिक पुलिस के जवानों को सोप डी थी एसा करना कानून के किसी दायरे में नहीं बेठता यह सिलसिला भी काफी दिनों तक बदस्तूर चलता रहा जनता लुटती रही लेकिन अब तो कानून का दायरा जैसे नाम मात्र किताबो में सिमटकर रह गया हो जैसे महाराष्ट्र पुलिस महासंचालक चाहे तो इस मनमाने कारोबार पर लगाम कसी जा सकती है राम भरोसे चल रही ट्राफिक पुलिस कारवाही पर कब विराम लगेगा राम जाने।
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