3 तलाक पर लोकसभा में बहस, कांग्रेस की मांग स्टैंडिंग कमेटी में जाए बिल

नई दिल्ली। तीन तलाक देने पर सजा के प्रावधान को लेकर केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में बिल पेश किया. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में बिल पेश करते हुए कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है. सरकार महिलाओं को उनका हक दिलाने के लिए इस बिल को ला रही है. RJD, BJD समेत कई विपक्षी पार्टियों ने इस बिल का विरोध किया. विपक्षी पार्टियों ने बिल में सजा के प्रावधान को गलत बताया है. लोकसभा में इस मुद्दे पर बहस हुई.
लाइव अपडेट्स – (लगातार रिफ्रेश करते रहे)
03:27 PM: कांग्रेस की अपील पर रविशंकर ने कहा कि ये कानून देश के हित में है, विपक्ष जो भी सलाह देगा हम उसे लागू करने की कोशिश करेंगे.
03:24 PM: कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इस बिल में कुछ कमियां हैं, आपने इस बिल में किसी समूह की सलाह नहीं ली है. कभी-कभी हम सोचते हैं कि हम ही सही हैं, लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता. बिल में जो कमियां हैं, वो साथ में बैठकर दूर की जा सकती हैं. इसे हम स्टैंडिंग कमेटी में भेज सकते हैं, जहां सभी पार्टियां मिलकर इस पर बहस कर सकते हैं. इस मुद्दे पर जो सरकार का मत है, वैसा ही मत विपक्ष का भी है. हम इसे टालना नहीं चाहते हैं, लेकिन आम सहमित जरूरी है. इसलिए इसे स्टैंडिंग कमेटी में इस बिल को भेज दिया जाए.
03:17 PM: रविशंकर बोले कि हमने काफी छोटा बिल बनाया है, अगर आप कहेंगे तो जेल जाएंगे. आपको पत्नी के लिए गुजारा भत्ता देना ही होगा. ये सदन कानून बनाती है, लोकसभा हिंदुस्तान की सबसे बड़ी पंचायत है. बिल को सियासत की सलाखों से ना देखा जाए, दलों की दीवारों में बिल को ना बांधा जाए, बिल को मजहब के तराजू पर ना तौला जाए, वोटबैंक के खाते से ना परखा जाए. ये बिल मुस्लिम बहनों की गरिमा का बिल है.
03:13 PM: रविशंकर प्रसाद ने बांग्लादेश, पाकिस्तान में तीन तलाक को लेकर क्या कानून है, उसका जिक्र किया. इस्लामिक मुल्कों ने भी तीन तलाक को रेगुलेट किया है, हमारा देश तो सेकुलर है. सरकार किसी शरीया में दखल नहीं देना चाहती है, ये बिल सिर्फ तीन तलाक पर है. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी माना है.
03:10 PM: कानून मंत्री ने कहा कि 2017 में तीन सौ ट्रिपल तलाक हुए, जिसमें 100 सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हुए हैं. बांग्लादेश, पाकिस्तान समेत कई देशों में तीन तलाक पर बैन है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में तलाक से पहले नोटिस देने का नियम है.
03:06 PM: रविशंकर प्रसाद ने बयान में सुप्रीम कोर्ट के जजों के बयान को पढ़ा और कहा कि इस फैसले के आधार पर ही हम बिल लेकर आए हैं. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी सुप्रीम कोर्ट में केस में था. बोर्ड ने कहा था कि वह इस मुद्दे को हमारे ऊपर छोड़ दें, लेकिन कोर्ट ने कहा कि वह इस मुद्दे को ऐसे ही नहीं छोड़ेंगे.
03:05 PM: लोकसभा में तीन तलाक बिल पर बहस शुरू. बहस में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को ये फैसला सुनाया कि तीन तलाक गैर कानूनी है. आज ही रामपुर में एक महिला को इसलिए तलाक दिया गया क्योंकि वह देरी से उठी थी.
12:44 PM: विपक्ष की आपत्तियों पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है, ये सम्मान नारी का है.
12:39 PM: बीजेडी ने तीन तलाक बिल का विरोध किया.
12:37 PM: RJD ने तीन तलाक बिल में सजा के प्रावधान का विरोध किया.
12:35 PM: असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि ये बिल संविधान के मुताबिक नहीं है. ओवैसी ने कहा कि तलाक ए बिद्दत गैरकानूनी है, घरेलू हिंसा को लेकर भी कानून पहले से मौजूद है फिर इसी तरह के एक और कानून की जरूरत क्या है?
09:43 AM: सत्र से पहले बीजेपी संसदीय दल की बैठक, पीएम मोदी, राजनाथ सिंह पहुंचे.
कांग्रेस ने किया समर्थन!
कांग्रेस पार्टी ने तीन तलाक पर इस बिल का समर्थन का ऐलान किया है. कांग्रेस बिल पर कोई संशोधन नहीं लाएगी. कांग्रेस की ओर से सरकार को सिर्फ सुझाव दिए जाएंगे, और सरकार का इस मुद्दे पर समर्थन किया जाएगा.
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि ये बिल संविधान के मुताबिक नहीं है. ओवैसी ने कहा कि तलाक ए बिद्दत गैरकानूनी है, घरेलू हिंसा को लेकर भी कानून पहले से मौजूद है फिर इसी तरह के एक और कानून की जरूरत क्या है?
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को सरकारी बिल नापसंद
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बिल को महिला विरोधी बताया है. बीते रविवार को लखनऊ में इस संबंध में पर्सनल लॉ बोर्ड की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई. इस बैठक में तीन तलाक पर प्रस्तावित बिल को लेकर चर्चा की गई. कई घंटों चली बैठक के बाद बोर्ड ने इस बिल को खारिज करने का निर्णय लिया.
इतना ही नहीं ट्रिपल तलाक पर लाए जा रहे इस बिल को बोर्ड ने महिला विरोधी बताया है. साथ ही तीन साल की सजा देने वाले प्रस्तावित मसौदे को क्रिमिनल एक्ट करार दिया है. बोर्ड की मीटिंग में तीन तलाक पर कानून को महिलाओं की आजादी में दखल कहा गया है.
कैसा होगा बिल?
गौरतलब है कि सरकार ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ नाम से इस विधेयक को ला रही है. ये कानून सिर्फ तीन तलाक (INSTANT TALAQ, यानि तलाक-ए-बिद्दत) पर ही लागू होगा. इस कानून के बाद कोई भी मुस्लिम पति अगर पत्नी को तीन तलाक देगा तो वो गैर-कानूनी होगा.
इसके बाद से किसी भी स्वरूप में दिया गया तीन तलाक वह चाहें मौखिक हो, लिखित और या मैसेज में, वह अवैध होगा. जो भी तीन तलाक देगा, उसको तीन साल की सजा और जुर्माना हो सकता है. यानि तीन तलाक देना गैर-जमानती और संज्ञेय ( Cognizable) अपराध होगा. इसमें मजिस्ट्रेट तय करेगा कि कितना जुर्माना होगा.
पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक पर कानून बनाने के लिए एक मंत्री समूह बनाया था, जिसमें राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद, पीपी चौधरी और जितेंद्र सिंह शामिल थे.
ऐसा है प्रस्तावित बिल
– एक साथ तीन बार तलाक (बोलकर, लिखकर या ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से) कहना गैरकानूनी होग
– ऐसा करने वाले पति को तीन साल के कारावास की सजा हो सकती है. यह गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध माना जाएगा.
– यह कानून सिर्फ ‘तलाक ए बिद्दत’ यानी एक साथ तीन बार तलाक बोलने पर लागू होगा.
– तलाक की पीड़िता अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारा भत्ता मांगने के लिए मजिस्ट्रेट से अपील कर सकेगी.
– पीड़ित महिला मजिस्ट्रेट से नाबालिग बच्चों के संरक्षण का भी अनुरोध कर सकती है. मजिस्ट्रेट इस मुद्दे पर अंतिम फैसला करेंगे.
– यह प्रस्तावित कानून जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू होगा है.
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