5 को ही जारी हो गया था आक्सीजन का पैसा, क्या कमीशन के लिए भुगतान रोके रहे प्राचार्य

लखनऊ। गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में 60 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर पक्ष रखा। उन्होंने इस बात से इन्कार किया कि धन की कमी के कारण आक्सीजन की आपूर्ति मेडिकल कालेज में नहीं हुई। मुख्यमंत्री ने आक्सीजन की बजा मौतों का कारण इंसेफलाइटिस से होना बताया। वहीं यह भी कहा कि शासन ने समय से पैसा जारी कर दिया था। मगर, प्राचार्य ने पैसा रोके रखा। इस नाते उन्हें निलंबित किया गया है। पूरे प्रकरण में प्राचार्य की भूमिका संदिग्ध मिली है।

क्या बोले सीएम योगी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि  डीलर ने 1 अगस्त को डीलर ने पेमेंट के लिए पत्र लिखा था। पांच अगस्त को शासन ने पैसा जारी कर दिया था। मगर प्राचार्य की ओर से भुगतान 11 अगस्त को हुआ। जब प्राचार्य को पैसा मिल गया तो फिर क्यों भुगतान में चार दिन की देरी की। यह संदिग्ध मामला है। इस नाते प्राचार्य पर कार्रवाई की गई। यही नहीं मेडिकल कॉलेज में हालात बिगड़ने पर प्राचार्य को मौके पर मौजूद रहना था, मगर वे हरिद्वार के लिए निकल गए।

फर्म सप्लाइयर की भूमिका की होगी जांच

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि अगर प्राचार्य ने भुगतान में लापरवाही भी की तब भी फर्म को आक्सीजन की आपूर्ति बाधित नहीं करनी चाहिए थी। इस नाते मुख्य सचिव की अध्यक्षता में फर्म सप्लायर की भूमिका की जांच होगी। इसके लिए कमेटी को एक सप्ताह का समय दिया गया है।

 

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