5 साल की बच्‍ची से सामूहिक बलात्‍कार के आरोपियों को थाने के सामने जिंदा जलाया

अरुणाचल प्रदेश। भारत का संविधान और लोकतंत्र किसी को इस बात की इजाजत नहीं देता है कि वो कानून को अपने हाथ में ले। लेकिन, फिर भी भीड़ का इंसाफ देखने को मिला है। जहां पांच साल की मासूम बच्‍ची से सामूहिक बलात्‍कार के बाद उसकी हत्‍या के आरोपियों को गुस्‍साई भीड़ ने ना सिर्फ थाने से बाहर घसीटा बल्कि थाने के सामने ही दोनों को जिंदा जला डाला। इस घटना को लेकर पूरे देश में दो तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। समाज का एक तबका ऐसा है जिसका मानना है कि भीड़ ने बलात्‍कारियों के साथ जो किया सही किया। बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बनाने वाले आरोपियों के साथ ऐसा ही किया जाना चाहिए। वहीं दूसरी ओर एक वर्ग ऐसा भी है जो इस तरह की घटनाओं को गलत मान रहा है। ऐसे लोगों का कहना है‍ कानून को अपने हाथ में लेने का हक किसी को नहीं है। ये मानवाधिकारों का मामला है। क्‍या सही है और क्‍या गलत इसका फैसला अदालतें करती हैं।

बहरहाल, सामूहिक बलात्‍कार का पूरा मामला क्‍या है जरा ये भी जान लीजिए। अरुणाचल प्रदेश में दिल दहला देने वाली ये वारदात लोहित जिले के तेजु गांव की है। इस घटना की दोनों ही वारदातें आपका दिल दहला देंगी। इस घटना की जानकारी देते हुए आईजी नवीन पायेंग ने बताया कि लोहित जिले के तेजु गांव में चाय के बगानों में पांच साल की एक बच्‍ची का शव मिला था। ये घटना 12 फरवरी की थी। चाय के बगानों में काम करने वाले लोगों ने पुलिस को इस बात की जानकारी दी थी कि यहां पर एक बच्‍ची की लाश पड़ी हुई है। पांच साल की इस बच्‍ची की बहुत ही बेरहमी से हत्‍या की गई थी। बच्‍ची के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। उसका सिर धड़ से अलग कर दिया था। बच्‍ची के शव की हालत को देखकर ही आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता था कि किसी ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया था और बाद में बेरहमी से उसका कत्‍ल कर दिया गया था।

पुलिस ने बच्‍ची के शव को पोस्‍टमार्टम के लिए भेज दिया और जांच शुरु कर दी। जांच में पता चला कि घटना के बाद से चाय के बागान में काम करने वाले दो युवक संजय सबर और जगदीश लोहार गायब हैं। पुलिस ने दोनों को संदिग्‍ध मानते हुए इनकी तलाश शुरु कर दी। इसके साथ ही उसे बच्‍ची के पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट का भी इंतजार था। पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हो गई कि बच्‍ची को सामूहिक बलात्‍कार के बाद मौत के घाट उतारा गया। पुलिस ने इस केस के दोनों ही आरोपियों की धरपकड़ के लिए सर्च ऑपरेशन लांच कर लिया। इस बीच इस दर्दनाक और खौफनाक घटना से लोगों का गुस्‍सा बढ़ता जा रहा है। पुलिस ने इस घटना के मुख्‍य संदिग्‍ध संजय सबर और जगदीश लोहार को असम से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की गिरफ्त में आते ही दोनों ने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया और माना कि उन्‍होंने बच्‍ची के साथ सामूहिक बलात्‍कार कर उसकी हत्‍या की थी।

दोनों ही आरोपियों को तेजू थाने में रखा गया था। आरोपियों की गिरफ्तारी की खबर आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई। इसके बाद क्‍या था। देखते ही देखते गुस्‍साए लोगों की भीड़ तेजू थाने के बाहर जमा हो गई। लोग आरोपियों को अपने हवाले करने की मांग करने लगे। पुलिस ने पहले तो लोगों को शांत कराने की कोशिश की। लेकिन, थाने में पुलिस की संख्‍या कम और भीड़ का हुजूम बहुत बड़ा था। देखते ही देखते भीड़ आक्रामक हो गई। चंद मिनटों के भीतर ही गुस्‍साए लोगों ने दोनों ही आरोपियों को थाने के लॉकअप से छुड़ा लिया और घसीटकर थाने के बाहर ले आए। इसके बाद दोनों को चौराहे पर जमकर पीटा गया। थाने के पास वाले चौराहे पर ही दोनों को थोड़ी देर बाद जिंदा जला दिया गया। अरुणाचल प्रदेश के मुख्‍यमंत्री पेमा खांडू ने इस घटना को दुर्भाग्‍यपूर्ण बताया है। उनका कहना है कि बच्ची से सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या की घटना बर्बर और अमानवीय है। लेकिन, भीड़ का उग्र होना भी दुर्भाग्यपूर्ण है।

 

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