90 दिन से पहले WhatsApp मैसेज डिलीट करना हो सकता है गैरकानूनी

news-brazilतहलका एक्सप्रेस
नई दिल्ली। स्मार्टफोन ऐप वॉट्सऐप से कोई मैसेज डिलीट करना जल्द ही गैरकानूनी करार दिया जा सकता है। हो सकता है कि आपको रिसीव करने के 90 दिन तक पुराने मैसेज प्लेन टेक्स्ट में सेव करके रखना पड़े और पुलिस के कहने पर दिखाना भी पड़े। अगर वॉट्सऐप का कानूनी तौर पर इस्तेमाल आगे भी जारी रहा तो ऐसा होना मुमकिन है।
सरकार ने जारी किया ड्राफ्ट
डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने नेशनल इन्क्रिप्शन पॉलिसी से जुड़ा ड्राफ्ट अपनी वेबसाइट पर डाला है। इस ड्राफ्ट में बताए गए सरकार के मिशन, स्ट्रैटजी, ऑब्जेक्टिव्स और रेगुलेटरी फ्रेमवर्क पर आम यूजर्स के सुझाव 16 अक्टूबर तक मांगे गए हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस ड्राफ्ट में दर्ज बहुत सारे गाइडलाइंस आम यूजर के नजरिए से चिंता में डालने वाले हैं।
क्या है ड्राफ्ट में?
>नई ड्राफ्ट पॉलिसी में साफ तौर पर लिखा है कि बिजनेस करने वाली कंपनियां और कंज्यूमर इन्क्रिप्शन का इस्तेमाल स्टोरेज और कम्यूनिकेशन के लिए कर सकती हैं, लेकिन उन्हें यह इन्क्रिप्शन भारत सरकार द्वारा तय किए गए मानकों के मुताबिक करना होगा।
क्‍या है इन्क्रिप्शन
इन्क्रिप्शन वो तकनीक है, जिसके जरिए किसी साधारण डेटा को इस तरह सिक्योर कर दिया जाता है कि कोई गैर आधिकारिक शख्स इसे पढ़ न पाए। आसान शब्दों में कहें तो डेटा की सिक्युरिटी के लिए अपनाई जाने वाली वो तकनीक जिसके जरिए सिंपल इन्फॉर्मेशन को कॉम्प्लेक्स्ड फॉर्म में चेंज कर दिया जाता है। इसे अनलॉक करने के लिए यूजरनेम, पासवर्ड और खास एल्गॉरिथम की जरूरत होती है।
>ड्राफ्ट पॉलिसी के मुताबिक इनक्रिप्शन प्रोडक्ट्स को बेचने वाली कंपनियों को भारत में रजिस्टर करना होगा। पब्लिक को सिर्फ भारत में रजिस्टर्ड सर्विस का ही इस्तेमाल करना होगा।
> सभी लोगों को इनक्रिप्टेड संदेश मिलने के 90 दिन तक उसे प्लेन टेक्स्ट के तौर पर सेव करके रखना होगा। देश के कानून के मुताबिक, उन्हें पुलिस या कोई दूसरी जांच एजेंसी के मांगने पर मुहैया कराना होगा।
>पॉलिसी के मुताबिक, सरकारी विजन का मकसद इनफॉर्मेशन सिक्युरिटी का माहौल बेहतर करना है।
>ड्राफ्ट का अहम टेक्स्ट : “All citizens (C), including personnel of Government/ Business (G/B) performing non-official/ personal functions, are required to store the plaintexts of the corresponding encrypted information for 90 days from the date of transaction and provide the verifiable Plain Text to Law and Enforcement Agencies as and when required as per the provision of the laws of the country.”
क्या होगा असर
> वॉट्सऐप का रजिस्ट्रेशन भारत में नहीं है। ऐसे में अगर नए ड्राफ्ट के नियमों को मंजूरी मिली तो भारत के नागरिक होने के नाते आपको इसके इस्तेमाल की इजाजत नहीं होगी। यह इजाजत तभी मिल सकती है जब वॉट्सऐप खुद को भारत में रजिस्‍टर्ड करा ले।
> अगर वॉट्सऐप मैसेज 90 दिन सेव करके रखना पड़ा तो डिवाइस में स्‍टोरेज की समस्‍या से जूझना पड़ सकता है।
> ज्‍यादातर कं‍पनियों की इन्क्रिप्टेड डेटा तक भारत सरकार की पहुंच बढ़ सकती है। जैसा ब्‍लैकबेरी के मामले में हुआ। ब्लैकबेरी के सर्वर विदेश में हैं और कभी भारत सरकार की इनकी इन्क्रिप्टेड डेटा तक पहुंच नहीं थी। भारत के कड़े रुख के बाद ब्लैकबेरी अपनी ईमेल्स सर्विस को सरकारी दायरे में लाने को राजी हुआ।
कुछ सवाल भी हैं
> स्नैपचैट एक ऐसा ऐप है, जिसमें मैसेज पढ़ते ही अपने आप डिलीट हो जाता है। ऐसे में यूजर उन्हें कैसे सेव करेगा और जरूरत पड़ने पर उन्हें कानूनी एजेंसियों को कैसे उपलब्ध कराएगा? यह भी सवाल वाजिब है कि क्या ऐसे ऐप का यूज करना कानून के दायरे में रह जाएगा?
> सेंटर फॉर इंटरनेट एंड सोसाइटी के डायरनेक्टर प्रनेश प्रकाश के मुताबिक, ”ईमेल्स के लिए OpenPGP नाम की इन्क्रिप्शन तकनीक का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है? क्या नए नियम इस पर भी लागू होंगे? अगर ऐसा हुआ तो डॉफ्ट पॉलिसी के हिसाब से मुझे अपने मेल्स को एक अलग जगह पर प्लेन टेक्स्ट के तौर पर सेव करना होगा। क्या ड्राफ्ट में यही बात कही गई है? क्या सरकार ने इस बारे में सोचा है?”
 

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