AAP की रैली में जान देने वाले किसान को शहीद बताने पर केजरीवाल सरकार को फटकार


‘फैसला खुदकुशी को महिमा मंडित करने जैसा’
22 अप्रैल 2015 को राजस्थान के दौसा के रहने वाले किसान गजेंद्र ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर पेड़ पर चढ़कर कथित तौर पर फांसी लगा ली थी। यह घटना केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ आम आदमी पार्टी की रैली के दौरान हुई थी। दिल्ली सरकार की तरफ से उसे ‘शहीद’ का दर्जा दिया जाने का फैसला किया गया था। दिल्ली सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में एक एडवोकेट ने जनहित याचिका दाखिल की थी। याचिका में सीएम अरविंद केजरीवाल को किसान गजेंद्र सिंह की स्मृति में प्रतिमा लगाने से रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में यह भी कहा गया है कि इस प्रकार के फैसले से आम लोगों में गलत संदेश जाता है और यह खुदकुशी जैसे अपराध को महामंडित करने जैसा है। याचिका में हाईकोर्ट से दिल्ली पुलिस को यह आदेश जारी करने की मांग की गई है कि वह भविष्य में किसी व्यक्ति, पार्टी या समूह को जंतर-मंतर पर किसी प्रकार के धरने या प्रदर्शन करने की अनुमति न दे।
22 अप्रैल 2015 को राजस्थान के दौसा के रहने वाले किसान गजेंद्र ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर पेड़ पर चढ़कर कथित तौर पर फांसी लगा ली थी। यह घटना केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ आम आदमी पार्टी की रैली के दौरान हुई थी। दिल्ली सरकार की तरफ से उसे ‘शहीद’ का दर्जा दिया जाने का फैसला किया गया था। दिल्ली सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में एक एडवोकेट ने जनहित याचिका दाखिल की थी। याचिका में सीएम अरविंद केजरीवाल को किसान गजेंद्र सिंह की स्मृति में प्रतिमा लगाने से रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में यह भी कहा गया है कि इस प्रकार के फैसले से आम लोगों में गलत संदेश जाता है और यह खुदकुशी जैसे अपराध को महामंडित करने जैसा है। याचिका में हाईकोर्ट से दिल्ली पुलिस को यह आदेश जारी करने की मांग की गई है कि वह भविष्य में किसी व्यक्ति, पार्टी या समूह को जंतर-मंतर पर किसी प्रकार के धरने या प्रदर्शन करने की अनुमति न दे।
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