कृषि कानून: किसानों की बैठक में सरकार के प्रस्ताव पर आखिरी फैसला

नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली की शीत लहर के बावजूद सड़कों पर डटे किसानों (Farmers) का आंदोलन आज (शनिवार) को 31वां दिन है यानी एक महीना पूरा हो गया है।

नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली की शीत लहर के बावजूद सड़कों पर डटे किसानों (Farmers) का आंदोलन आज (शनिवार) को 31वां दिन है यानी एक महीना पूरा हो गया है। नए कानूनों को वापसी को लेकर किसानों और केंद्र सरकार के बीच पांच से छह दौर की बैठक हुई, लेकिन गतिरोध अभी भी बरकरार है।

बता दें कि सरकार की नई पेशकश पर विचार के लिए किसान (Farmers) यूनियनों ने बीतचीत के लिए शुक्रवार को बैठक की थी। इस बैठक के बाद कुछ किसान संगठनों ने संकेत दिया है कि वे मौजूदा गतिरोध का हल खोजने के लिए सरकार के साथ एक बार फिर से बातचीत शुरू करने का फैसला कर सकते हैं।

किसान (Farmers) यूनियनों ने कहा कि आज यानी शनिवार को उनकी एक और बैठक होगी, जिसमें केंद्र के न्यौते पर ठहरी हुई बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए कोई औपचारिक फैसला किया जाएगा।

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के एक अधिकारी ने भी कहा कि सरकार को उम्मीद है कि अगले दौर की बैठक दो-तीन दिनों में हो सकती है।

जानकारी के मुताबिक, नए कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर इस आंदोलन के समर्थन में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में हजारों किसान (Farmers) और RLP के कार्यकर्ता शनिवार को राजस्थान से दिल्ली के लिए कूच करेंगे।

इसके लिए राजस्थान के विभिन्न जनपदों से आ रहे किसान जयपुर में दिल्ली हाइवे पर कोटपूतली में जमा होंगे और फिर वहां से सभी बेनीवाल के साथ शाहजहांपुर बॉर्डर की ओर रवाना होंगे। इसके मद्देनजर यहां अतिरिक्त पुलिस फोर्स लगा दी गई है।

 

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