मथुरा: गठबंधन की किसान महापंचायत में बोले सपा प्रमुख- कोई घबराया हो या नहीं, लेकिन भाजपा जरूर घबरा रही है

बृज की नगरी मथुरा (Mathura) के बाजाना में चल रही गठबंधन की किसान पंचायत को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) बोले कि कोई घबराया हो या नहीं, लेकिन भाजपा जरूर घबरा रही है।

बृज की नगरी मथुरा (Mathura) के बाजाना में चल रही गठबंधन की किसान पंचायत को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) बोले कि कोई घबराया हो या नहीं, लेकिन भाजपा जरूर घबरा रही है। उन्होंने कहा कि काला कानून जब तक वापस नहीं होगा, लड़ाई चलती रहेगी। हम और जयंत जानते हैं कि लाठी कहां चलानी है। चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) से बड़ा किसान नेता कोई नहीं हुआ। किसान तभी खुशहाल होगा, जब उसकी बात करने वाले सदन में होंगे। काला धन वापस नहीं आया।

सपा प्रमुख ने कहा कि जीएसटी (GST) लागू होने के बाद कौन सा कारोबार बढ़ गया। महामारी में पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) की कीमत बढ़ गई। इसका मुनाफा कहां जा रहा है। योगी, वहीं होता है, जो दूसरों के दुख को समझता हो। यही गीता में कहा गया है। भाजपा (BJP) षडयंत्रकारी है। हमारी सरकार भाइचारे से बनेगी। मंडी बंद हो रही हैं। ऐसे तीन कानून लागू हो जाएंगे तो किसान (Farmers) को लाभ नहीं होगा। एक दिन हमारी आपकी जमीन छिन जाएगी।

इससे पहले रालोद (RLD) उपाध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) बोले कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के कंधों पर देश की बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि ये चौधराहट का मंच है। 2009 में इसी भूमि से भूमि अधिग्रहण कानून बदलने का काम शुरू हुआ था। भाजपा के घमंड को तोड़ना है, उनको लठ की चोट देनी है। ये वोट की चोट है। वोट की चोट कैसे करनी है, इसके लिए ही ये मंच साझा किया है। मतदान के समय अपने मुद्दे को जेहन में रखें। जाति को न खाेजें। अखिलेश यादव मथुरा से चुनाव लड़ें और मैं गाजीपुर से चुनाव लड़ें। हम निकल पड़े हैं।

उन्होंने पटलौनी की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा में घमंड भर गया है। ये गद्दी समाज ने दी है। योगी सुन लें, गाय को टोकरी खिलाते नजर आते हैं। जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे तो उनके पास फुर्सत नहीं थी। किसानों को मजबूत होना पड़ेगा। चार साल पूरे हो गए। एक सप्ताह का जश्न होने जा रहा है। अरबाें खरबों रुपये खर्च किये जा रहे हैं। 114 दिन किसान आंदोलन को हो गए हैं। साक्षी महाराज किसानों को आतंकवादी कह रहे हैं। जो पीएम की मित्र मंडली में शामिल हैं। 300 किसान शहीद हो गए हैं। प्रधानमंत्री संवेदना भी प्रकट नहीं कर रहे हैं। हर जगह पीएम की तस्वीर आ रही है। टीका के प्रमाणपत्र पर भी मोदी की तस्वीर आ रही है। इस पंचायत के असली पंच किसान ही हैं। इस एकता को खंडित मत होने देना। भाजपा खुराफाती पार्टी है।

रालोद उपाध्यक्ष से पहले सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन ने कहा कि अब अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अब मुख्यमंत्री पद के नेता नहीं है। उनकी हैसियत मुख्यमंत्री बनाने की है। उनका इशारा प्रधानमंत्री के पद के लिए है। इस देश की आज हालात खराब है। राजनीति का संबंध धर्म और जाति से नहीं है। चौधरी चरण सिंह तो सभी के नेता थे। वे किसानों के नेता थे। मुख्यमंत्री योगी जी अखिलेश यादव से क्या तुलना करते हो। योगी तो नौकरी कर रहे हैं। जब वह मुख्यमंत्री के पद से हट जाएंगे। कोई किराये पर नमस्कार करने वाला नहीं रहेगा, लेकिन जिस गली अखिलेश यादव गुजरेंगे। वहां अखिलेश भैया को नमस्कार करने वालो को लंबी कतार होगी।

बता दें कि शुक्रवार दोपहर गठबंधन की किसान पंचायात को संबोधित करने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ट्रैक्टर पर सवार होकर बाजना, मथुरा स्थित मौरकी इंटर कालेज के मैदान पर पहुंचे थे। दोनों नेताओं को सुनने के लिए मैदान खचाखच भरा हुआ है। इससे पूर्व सपा प्रमुख ने गोवर्धन में दानघाटी और बरसाना में लाड़ली जी के मंदिर में पूजा अर्चना की। अखिलेश यादव बरसाना में राधारानी के दर्शन करने के लिए 300 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचे थे। वहीं गुरुवार को मथुरा में चल रहे समाजवादी पार्टी के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को अखिलेश यादव ने संबोधित किया था। इसके बाद बांके बिहारी मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे।

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