किसान आंदोलन: ये सरकार हमारी रीढ़ को तोड़ने का प्रयास कर रही है- अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को कन्नौज में किसान यात्रा में शामिल होने से रोक दिया गया. अखिलेश यादव को उनके आवास पर नजरबंद कर दिया गया और भारी फोर्स तैनात कर दी गई थी.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) को कन्नौज में किसान यात्रा में शामिल होने से रोक दिया गया. अखिलेश यादव को उनके आवास पर नजरबंद कर दिया गया और भारी फोर्स तैनात कर दी गई थी. जिसको लेकर पूर्व सीएम अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है.

लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र

अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) ने पत्र में लिखा है कि, यह उनके विशेष अधिकारों का हनन है और यूपी सरकार के इशारे पर पुलिस ने उन्हें कन्नौज जाने से रोक दिया. इसके साथ ही वाहनों को भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया है. उन्होंने आगे लिखा है कि, राज्य सरकार का अलोकतांत्रिक व्यवहार मेरे नागरिक अधिकारों का भी हनन है क्योंकि वह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ ही यूपी के सीएम की जिम्मेदारी का निर्वहन कर चुके हैं.

अखिलेश यादव को पुलिस ने किया गिरफ्तार

बता दें कि, अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) सोमवार को कन्नौज में होने वाली किसान यात्रा में शामिल होने के लिए जा रहे थे. लेकिन उससे पहले ही लखनऊ पुलिस ने समाजवादी पार्टी कार्यालय और आवास के बाहर भारी फोर्स तैनात कर दिया और नाकाबंदी कर दी. जब अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) आवास से कन्नौज जाने के लिए निकले तो उन्हें रोक दिया गया और उनकी गाड़ियों को पुलिस ने कब्जे में ले लिया. जिसके बाद अखिलेश यादव सड़क पर वहीं धरने पर बैठ गए. पुलिस ने बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया और ईको गार्डेन लेकर चली गई.

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अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, आज सपा पूरे प्रदेश में किसान यात्रा निकालने वाली थी. किसानों की मांग को लेकर लगातार पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में काले कानून को लेकर आंदोलन हो रहा है. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता किसान कानून के विरोध में किसान यात्रा निकालना चाहते थे लेकिन उन्हें जगह-जगह रोक दिया गया. उन्होंने कहा कि, नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने मांग की कि, सरकार ने जो काले कानून बनाए गए हैं उन्हें वापस लिए जाएं.

ये सरकार हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ को तोड़ने का प्रयास कर रही है

किसानों की पैदावार बाजारों पर छोड़ दी गयी है ऐसे में किसान कैसे खुशहाल होगा. किसान देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. ये सरकार हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ को तोड़ने का प्रयास कर रही है. किसानों ने जो भारत बंद का ऐलान किया है सपा उनके इस आह्वान में साथ है. इसके साथ ही आने वाले समय में समाजवादी पार्टी गांव-गांव जाएगी और किसानों को इस काले कानून के बारे में समझाएगी. इस कानून के आने के बाद उनकी पैदावार की कोई कीमत नहीं रह जाएगी. उन्होंने कहा कि, भाजपा के लिए कोई कोरोना नहीं है ये केवल विपक्ष को डराने के लिए है.

 

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