BCCI मामले की सुनवाई के दौरान बोले SC के चीफ जस्टिस- अनुराग क्रिकेटर हैं तो मैं भी कप्तान हूं

rm-lodhaनई दिल्ली। लोढ़ा कमेटी और बीसीसीआई के बीच तनानती पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. लोढ़ा कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में बीसीसीआई को उद्दंड करार देते हुए उन पर पैनल की सिफारिशों को नहीं लागू करने का आरोप लगाया. बीसीसीआई ने इसके जवाब में कहा कि लोढ़ा कमेटी की अधिकतर सिफारिशों को वोटिंग प्रणाली के तहत खारिज कर दिया गया है. इस दौरान चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा कि उन्हें लगता है कि बीसीसीआई अधिकारी कोर्ट से उन्हें निलंबित करने की मांग कर रहे हैं.

सुनवाई के दौरान लोढ़ा कमेटी ने बीसीसीआई पर तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने का भी आरोप लगाया. लोढ़ा कमेटी ने कहा, ‘बीसीसीआई उद्दंड है, वो सुधारों को लागू नहीं कर रहा. हमने बीसीसीआई को कई मेल किए लेकिन उसके हमें जवाब नहीं मिले. बीसीसीआई मीडिया के सामने तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहा है.’

इसके जवाब में बीसीसीआई ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा और कहा, ‘लोढ़ा कमेटी की अधिकांश सिफारिशें वोटिंग सिस्टम के तहत खारिज कर दी गई हैं. हमने लोढ़ा कमेटी की मेल का जवाब दिया.’ इसके बाद बीसीसीआई की ओर से केस देख रहे मशहूर वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट को दोनों के बीच हुई 40 मेल की डिटेल सौंपी.

लोढ़ा कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में रिटायर्ड जस्टिस मार्कंडेय काटजू का भी जिक्र किया. इसमें उनके अपमानजनक और तिरस्कारपूर्ण बयानों का जिक्र किया गया है. सुप्रीम कोर्ट में न्यायमित्र गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा, ‘मैंने आज से पहले सुप्रीम कोर्ट के किसी पूर्व जज को इस तरह प्रेस कॉन्फ्रेंस करते और ना ही कोर्ट के वर्तमान जजों पर कमेंट करते देखा है.’

लोढ़ा कमेटी ने भी काटजू पर कहा कि वो एकमात्र इंटरफेस हैं जो खुलेआम सुप्रीम कोर्ट की तौहीन करने को कहते हैं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग ठाकुर के क्रिकेटर होने का मजाक उड़ाया. कोर्ट ने बोर्ड से पूछा कि बीसीसीआईके कितने प्रशासक क्रिकेटर हैं? इस पर बोर्ड के वकील ने अनुराग ठाकुर के क्रिकेटर होने की बात कही तो चीफ जस्टिस ने कहा, ‘यहां सभी क्रिकेटर हैं, यहां तक कि मैं भी. मैं सुप्रीम कोर्ट के जजों की टीम का कप्तान हूं.’

कोर्ट ने पूछा क्या बीसीसीआई प्रशासकों में कुछ खास कौशल है? अनुराग ठाकुर ने बोर्ड का अध्यक्ष बनने से पहले केवल एक रणजी मैच खेला है. इस दौरान बिहार बोर्ड के वकील ने कोर्ट को बताया कि अनुराग ठाकुर ने हिमाचल क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से खुद को चुना था जिससे वो नॉर्थ जोन जूनियर सेलेक्शन कमेटी के सदस्य बन सकें. इसे सुन कर जज सन्न रह गए.

सुनवाई के दौरान न्यायमित्र गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के उद्देश्य से प्रशासकीय सुधार प्रक्रिया आरंभ की जानी चाहिए. दोनों पक्षों को सुनने के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हम उस जगह पहुंच रहे हैं जहां वो (बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारी) सुप्रीम कोर्ट से उनके निलंबन की मांग करते दिख रहे हैं.’

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button