Bhoot Movie Review: विक्की कौशल के साथ क्या आपको भी डरा पाएगा ये भूत!

एक दौर था जब बॉलीवुड में हॉरर फिल्में बॉक्स ऑफिस पर यादगार कलेक्शन करती थीं. वहीं अब सालों बाद धर्मा जैसा बड़ा प्रॉडक्शन हाउस विक्की कौशल (Vicky Kaushal) जैसे स्थापित स्टार के साथ इसी विषय पर फिल्म लेकर आता है, तो दर्शक की उम्मीदें काफी बढ़ जाती हैं. थ्रिलर कहानी और पुरानी शिप का रिश्ता अब हॉलीवुड से बॉलीवुड में एंट्री कर चुका है. आज फिल्म ‘भूत द हॉन्टेड शिप (Bhoot The Haunted Ship)’ सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है. तो आइए हम आपको बताते हैं कि विक्की कौशल और भूमि पेडनेकर (Bhumi Pednekar) आपको कितना डरा पाते हैं.

फिल्म- भूत द हॉन्टेड शिप
स्टार रेटिंग- 2.5/5
कास्ट- विक्की कौशल, भूमि पेडनेकर, आशुतोष राणा
डायरेक्टर- भानु प्रताप सिंह
निर्माता- करण जौहर (धर्मा प्रोड्क्शन)

ये है कहानी  
शिपिंग अफसर पृथ्वी (विकी कौशल) अपनी निजी जिंदगी में अवसाद से उबरने की कोशिश कर रहा है. इसी दौरान उसे खबर मिलती है कि समुद्र किनारे एक बहुत बड़ा जहाज बिना किसी क्रू मेंबर के अपने आप आप ही आ पहुंचा है. पृथ्वी का बॉस इस अजीब सी शिप से जितनी जल्दी हो छुटकारा पाना चाहता है. टीम अभी इस शिप की जांच ही करती है कि पृथ्वी को यहां कुछ डरा देने वाले अनुभव होने लगते हैं.

लेकिन अब बात शिप तक सीमित नहीं थी, बल्कि पृथ्वी तब बहुत डर जाता है, जब ये डरावने अनुभव उसे घर में भी होने लगते हैं. इसी बीच पृथ्वी को इस बात की जानकारी मिलती है कि सी बर्ड नाम का यह जहाज एक अरसे से हॉन्टेड है. इसके बाद जब  भुतहा कहे जानेवाले जहाज के बारे में विक्की ज्यादा पड़ताल करता है, तो कई राज परत दर परत खुलते जाते हैं. इसी दौरान पृथ्वी की निजी जिंदगी का दुखद पहलू भी सामने आता है. इसके आगे क्या होता है यह आपको फिल्म देखकर पता लगाना होगा.

स्क्रीन प्ले और ग्राफिक्स 
अफसोस है कि बड़ा बैनर और एक पॉपुलर स्टार के साथ होने पर भी फिल्म के डायरेक्टर भानु प्रताप सिंह अपनी इस डेब्यू फिल्म में कुछ भी नया या ऐसा नहीं दिखा सके जो हॉरर प्रेमियों के लिए खासा पसंद आए. क्योंकि साउंड हो या ग्राफिक सब कुछ पुरानी हॉरर फिल्मों और सीरियल्स की तर्ज पर ही नजर आता है. स्क्रीन प्ले की बात करें तो यह काफी स्लो है. लोगों को एक बार भूत की एंट्री देखने के लिए काफी देर तक इंतजार करना होता है. जो फिल्म को बोर कर देता है.

असली कहानी पर है फिल्म 
ऐसा बताया गया है कि निर्देशक भानु प्रताप सिंह की यह फिल्म एक असली कहानी पर आधारित है. इसलिए भी फिल्म थोड़ा कुछ दर्शकों को जोड़े रख पाती है. इसमें कोई दो राय नहीं कि फिल्म के कुछ दृश्य अच्छे-खासे डरावने हैं, मगर उनमें नवीनता का अभाव है.

ये हैं कमजोरियां 
यहां काफी पुराने समय की भूतिया फिल्मों की तरह भूत का मेकअप डराने के बजाय फनी नजर आता है. बैकग्राउंड म्यूजिक पर कुछ हद तक काम हुआ है लेकिन इसे और बेहतर भी किया जा सकता था. फिल्म को मजबूत बनाने के लिए जिस तरह के कम्प्यूटर ग्राफिक्स का इस्तेमाल किया गया है, वह बेहद कमजोर है.

 

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