BIG NEWS : मोदी की उपेक्षा से नाराज़ एक दर्जन BJP सांसद इस्तीफ़ा देने की तैयारी में

नयी दिल्ली। भाजपा के अंदरखाने से चौंकाने वाली खबर आ रही है।  खबर है कि लंबे समय से पार्टी में साइडलाइन चल रहे एक दर्जन सांसद इस्तीफ़ा देने की तैयारी में है। इसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्य शामिल हैं। ताकि इसी बहाने मोदी पर दबाव क़ायम किया जा सके।

उधर इस्तीफ़े की भनक लगते ही मोदी-शाह कैंप में हड़कंप मचा है। माना जा रहा कि अगर ऐसा हुआ तो पार्टी को लोकसभा चुनाव से पहले नुक़सान उठाना पड़ सकता है। विपक्ष भी भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र पर निशाना साधेगा। ऐसे में भाजपा किस मुँह से कांग्रेस में  आंतरिक लोकतंत्र पर सवाल उठाएगी। कहा जा रहा है कि डैमेज कंट्रोल के लिए शाह ने हर असंतुष्ट सांसद के पीछे एक-एक क़रीबी को लगा दिया है। ताकि मान-मनौव्वल के ज़रिए सांसदों को इस्तीफ़े जैसा क़दम उठाने से रोका जा सके।

उधर नाराज़ नेताओं का मानना है कि मोदी-शाह के दौर में बीजेपी में आंतरिक लोकतंत्र नाम की कोई चीज़ नहीं बची है। पार्टी में संसदीय बोर्ड अब सिर्फ नाम भर का रह गया है। सारे फैसले यही गुजराती जोड़ी ले रही है। यही नहीं कनिष्ठों को बड़े-बड़े पद थमा दिए जा रहे, जबकि अपने ख़ून-पसीने से पार्टी को सींचने वाले बुज़ुर्ग नेताओं का वही हाल कर दिया गया है जो बुढ़ापे में कई घरों में जवान औलादें करतीं हैं।

बस नाम के रह गए सांसद

इन सीनियर  नेताओं की शिकायत है कि वे बस नाम भर के ही सांसद रह गए हैं। आज जब अपनी सरकार है, तब उनका हाल कांग्रेस सरकार के दौर से भी बुरा  है। उनके संसदीय क्षेत्रों में कोई काम नहीं हो रहा है। यही नहीं जनता की शिकायतों पर अगर वे अधिकारियों को फ़रमान जारी करते हैं तो अफसर अनसुना कर दे रहे। क्योंकि अफसर जानते हैं कि सांसद जी की औक़ात अब पहले जैसी नहीं रही। महाराष्ट्र के सांसद नाना पतोले ने पिछले दिनों मोदी पर खुलकर भड़ास निकाली थी। कहा था कि जब उन्होंने किसानों की आत्महत्या पर सवाल उठाया तो मोदी नाराज़ हो उठे। मोदी सांसदों  को बाँधकर रखना चाहते हैं। लोकतंत्र के लिए यह शुभ संकेत नहीं है।

कौन हैं ये सांसद 

मोदी-शाह के दौर में असंतुष्ट सांसदों में पहला नाम शॉटगन शत्रुघ्न सिन्हा का है। बिहार के पटना साहिब से सांसद सिन्हा सबसे ज़्यादा समय से उपेक्षित चल रहे हैं।  अन्य सांसदों में अरुण जेटली के डीडीए में भ्रष्टाचार को लेकर मोर्चा खोलने वाले सांसद  कीर्ति आजाद व गुजरात के  प्रताप सिंह चौहान का नाम प्रमुख है। कुल एक दर्जन नाराज़ सांसदों की गत दिनों मीटिंग की भी बात कही जा रहा है। जिसमें इस्तीफ़ा देने की प्लानिंग पर चर्चा हुई। कहा गया कि मोदी-शाह के दौर में पार्टी लगातार जीत रही है। इस नाते अब तक संघ भी उनके खिलाफ शिकायतों को नहीं सुन रहा। लिहाज़ा धमाका किए बग़ैर संघ के कानों में जी नहीं रेंगने वाली। अगर कई सांसद इस्तीफ़ा देंगे तो संघ को लगेगा कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है। लिहाज़ा संघ इस मामले में दखल देगा।

असंतुष्ट सांसदों में  छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान के सांसद शामिल हैं।

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button