बिहार विधानसभा चुनाव 2020: अपनों की राजनीतिक विरासत बचाने के लिए मैदान में उतरेंगे ये प्रत्याशी
आज यानि मंगलवार बिहार की सियासत के लिए बड़ा दिन है। साथ ही कई राजनीतिक दलों के दिग्गज राजनेताओं के बेटों और बेटियों जिन्होंने सियासत मैदान में एंट्री मारी है उनकी किस्मत का भी फैसला आज होना है।
आज यानि मंगलवार बिहार की सियासत के लिए बड़ा दिन है। साथ ही कई राजनीतिक दलों के दिग्गज राजनेताओं के बेटों और बेटियों जिन्होंने सियासत मैदान में एंट्री मारी है उनकी किस्मत का भी फैसला आज होना है।
बिहार विधानसभा चुनाव की 243 सीटों पर उतरे 3737 प्रत्याशियों की किस्मत का दरवाजा खुलने वाला है। बिहार विधानसभा चुनाव ऐसे में सबकी नज़र ज्यादा नजर उन सीटों पर है, जहां दिग्गज नेताओं के बेटे-बेटियां चुनावी मैदान में उतरे हैं।
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के दोनों बेटे तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव की प्रतिष्ठा ही दांव पर नहीं है बल्कि शरद यादव की बेटी से लेकर शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे सहित दो दर्जन से ज्यादा विधानसभा सीटें हैं, जहां पर उन्हें पिता की राजनीतिक विरासत बचाने की चिंता है।
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वैशाली जिले की राघोपुर विधानसभा सीट से आरजेडी नेता तेजस्वी यादव दूसरी बार चुनावी मैदान में हैं। तेजस्वी को महागठबंधन ने मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया है, जिसकी वजह से इस सीट पर पूरे देश की नजर है. बीजेपी ने उनके सामने सतीश कुमार को उतारा है. सतीश, 2010 के चुनाव में पूर्व सीएम राबड़ी देवी को हरा चुके हैं। वहीं, एलजेपी की ओर से मैदान में उतारे गए राकेश रौशन ने यहां मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. हालांकि, 1995 से यह इलाका आरजेडी का मजबूत गढ़ माना जाता है और लालू यादव यहां से चुनाव जीतते रहे हैं।
बिहार में किसकी सरकार बनेगी इसका फैसला आज हो जाएगा, ऐसे में विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हुए सरकार बनाने का दावा किया जा रहा है. इस क्रम में कोई पूजा पाठ कर रहा है तो कोई हवन के सहारे भगवान को खुश करने की कोशिश में लगा है।
बिहार में जनता ने किसे अपना समर्थन दिया है
बिहार में चिराग पासवान की पार्टी यानी लोक जनशक्ति पार्टी ने नतीजे आने से पहले पूजा पाठ का सहारा लिया है। नीतीश कुमार असम्भव ,नीतीश मुक्त सरकार के लिए लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पटना के मंदिरों में हवन और पूजा पाठ करने में जुटे हुए हैं. दरअसल आज दोपहर तक की तस्वीर साफ हो जाएगी कि बिहार में जनता ने किसे अपना समर्थन दिया है और किसे नहीं, इसको लेकर नेताओं की बेचैनी चरम पर है और सभी जगह सुबह से ही पूजा-पाठ और भगवान की आराधना का दौर जारी है।
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